लोगों का ऑक्सिजन छीन लिए तो बुलेट ट्रेन, मैट्रो किसके लिए?… चेन्नई की पर्यावरण परिषद में आदित्य ठाकरे का स्पष्ट मत
SG
मुंबई
वृक्ष हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं। जिंदा रखते हैं। विकास लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए किया जाता है। विकास के लिए पेड़ों का कत्ल कर लोगों का ऑक्सीजन ही निकाल लिए तो बुलेट ट्रेन, मेट्रो किसके लिए? ऐसा स्पष्ट सवाल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता, युवासेनाप्रमुख, विधायक आदित्य ठाकरे ने कल किया। चेन्नई में आयोजित ‘थिंक एज्यु २०२३’ परिषद में ‘पर्यावरण में परिवर्तन: हमें चिंता करने की आवश्यकता क्यों?’ इस विषय पर चर्चा सत्र में वे बोल रहे थे।
मुंबई के विकास को लेकर पूछे गए सवालों पर आदित्य ठाकरे ने इस चर्चा सत्र में समझदारी से जवाब दिए। विकास के नाम पर पेड़ काटकर पर्यावरण नष्ट किए जाने पर उन्होंने नाराजगी जताई। हर चीज में संतुलन होना चाहिए, ऐसा कहते हुए उन्होंने कहा कि, ‘हमें बुलेट ट्रेन, मेट्रो और सड़कें चाहिए, लेकिन हम ये किसके लिए बना रहे हैं? लोगों के लिए और जीवन की गुणवत्ता के लिए।उसके लिए पेड़ों को काटने की शुरुआत करें, लोगों के आक्सीजन को ही निकाल दें, जीवन का स्तर ही खराब करें तो फिर बुलेट ट्रेन, मेट्रो और सड़क किसके लिए?’
पत्रकार कावेरी बामजाई द्वारा पूछे गए सवालों का आदित्य ठाकरे द्वारा दिए गए जवाब का उपस्थित लोगों ने तालियों से समर्थन किया। मिंधे सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग होने की आलोचना करते हुए, सत्ता यह शाश्वत नहीं होती, यह हमेशा ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, ऐसा भी आदित्य ठाकरे ने कहा।
…अन्यथा भूजल स्तर नीचे चला जाएगा
‘रेन वॉटर हार्वेस्टिंग तकनीक अच्छी है। हम रेन हार्वेस्टिंग क्षेत्र तैयार कर रहे हैं, जो बहुत अच्छा है लेकिन अब बारिश का पानी संचित करनेवाले गड्ढे भी चाहिए। अन्यथा हमारा भूजल स्तर नीचे चला जाएगा’, ऐसा खतरा
भी आदित्य ठाकरे ने इस दौरान व्यक्त किया। ‘मौसम और पर्यावरण क्षेत्र में तमिलनाडु अच्छा काम कर रहा है’, ऐसा भी उन्होंने कहा।
पर्यावरण संरक्षण से उद्योगों को भी मिलेगी गति
पर्यावरण संरक्षण से उद्योगों को भी गति मिलेगी, ऐसा आत्मविश्वास आदित्य ठाकरे ने व्यक्त करते हुए इस दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों का भी उदाहरण दिया। ‘प्रदूषण नियंत्रण के लिए महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में हमने सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक करने का प्रयास किया। मुंबई में बेस्ट उपक्रम के लिए दस हजार इलेक्ट्रिक बसें लीं। पुणे में भी इसके लिए प्राथमिकता दी। परिणामस्वरूप इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऑडर्स बढ़ गए,’ ऐसा आदित्य ठाकरे ने कहा।