जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में ऊर्जा निगम की ओर से बिजली उपभोक्ताओं के लिए तकनीकी क्रांति की ओर कदम बढ़ाते हुए बड़े पैमाने पर स्मार्ट विद्युत मीटर लगाए जा रहे हैं। अब तक प्रदेशभर में करीब 1.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनमें मुख्यमंत्री आवास, विभिन्न सरकारी कार्यालय और आवास शामिल हैं।ऊर्जा निगम ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह पर विश्वास न करें और स्मार्ट मीटर से संबंधित जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। निगम उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के फायदे गिना रहा है। इससे बिजली चोरी पर पूरी तरह लगाम लग सकेगी। साथ ही उपभोक्ताओं को भी पारदर्शी सुविधा मिलेगी।

ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर न केवल सटीक बिलिंग सुनिश्चित करता है, बल्कि रीयल-टाइम बिजली खपत की निगरानी की सुविधा भी देता है। उपभोक्ता अपने मोबाइल एप से खपत की जानकारी देख सकते हैं और अपने खर्च पर सीधा नियंत्रण रख सकते हैं।

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हालांकि, हाल के दिनों में इंटरनेट मीडिया और कुछ अन्य माध्यमों में यह भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं कि स्मार्ट मीटर फास्ट रीडिंग करते हैं, जिससे बिल अधिक आता है या उपभोक्ताओं से मीटर बदलने का शुल्क लिया जा रहा है। इन अफवाहों पर विराम लगाते हुए ऊर्जा निगम ने स्पष्ट किया है कि पुराना और नया मीटर दोनों ही ऊर्जा खपत के मानकों पर समान हैं।स्मार्ट मीटर में केवल डेटा साझा करने और दूर से संचालन की सुविधा होती है। उपभोक्ताओं से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा है। इंस्टालेशन पूरी तरह निश्शुल्क है। स्मार्ट मीटर के बाद भी सभी भुगतान विकल्प यथावत रहेंगे और मोबाइल एप से भुगतान पहले से भी आसान होगा।

 

स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को ये प्रमुख फायदे होंगे

बिलिंग प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता, मानवीय हस्तक्षेप खत्म।

गलत बिलिंग की शिकायतों में कमी।

– मोबाइल एप पर बिजली खपत का पूरा ब्योरा।

– खर्च की निगरानी कर बिजली की बचत के अवसर।

– मीटर रीडिंग के लिए किसी व्यक्ति की आवश्यकता नहीं।

– समय पर भुगतान से ब्याज व लेट फीस से राहत।

– भारी बकाया बिल की समस्या से छुटकारा।

– घर बैठे आनलाइन भुगतान और रिचार्ज की सुविधा।

– रात या छुट्टी के दिन भी बिना रुकावट बिजली सप्लाई।

– बजट अनुसार बिजली उपयोग पर नियंत्रण।

– फाल्ट या सप्लाई बाधित होने की तुरंत जानकारी।

– भविष्य में सोलर से जुड़ने पर यही मीटर नेट मीटर में बदला जा सकता है।

– उपभोग के आंकड़ों के आधार पर बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार की योजना।

– मीटर बदलने पर कोई इंस्टालेशन चार्ज नहीं।

ऊर्जा निगम के हेल्पलाइन नंबर पर लें स्मार्ट मीटर की जानकारी

ऊर्जा निगम ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि स्मार्ट मीटर से संबंधित किसी भी भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें। किसी भी संदेह या जानकारी के लिए उपभोक्ता 1912 पर काल कर सकते हैं या नजदीकी उपखंड कार्यालय में संपर्क करें। उत्तराखंड स्मार्ट ग्रिड की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और यह पहल उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

ऐसे कार्य करता है स्मार्ट विद्युत मीटर

स्मार्ट विद्युत मीटर घर में बिजली की खपत को मापता है और रिकार्ड करता है। जिस डेटा को यह मीटर स्वत: ही ऊर्जा निगम के कंट्रोल रूम में भेज देता है। जहां से इस डेटा का उपयोग वास्तविक समय में बिजली उपयोग की निगरानी करने के लिए किया जाता है।यह प्रक्रिया सटीक बिलिंग और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी व सुगम बनाती है। ऊर्जा उत्पादन और खपत पर वास्तविक समय डाटा प्रदान कर उपभोक्ताओं को भी बिजली का संयमित उपभोग करने को प्रेरित करता है। इस मीटर में छेड़खानी की गुंजाइश नहीं होती और बिजली चोरी करने वालों का पता चल जाता है।