Saturday, November 23, 2024

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पीछे हटने को तैयार नहीं चीन, एलएसी पर ड्रैगन का टेंशन! विदेश मंत्री ने बताई डराने वाली सच्चाई, पीएलए के ५ हजार जवान भारी शस्त्रों के साथ मौजूद

SG  नई दिल्ली        पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुस्थान तेजी से आर्थिक और सामरिक महाशक्ति के रूप में ‘विकास’ कर रहा है। ऐसा प्रचार केंद्र की भाजपाई सरकार, भाजपा और उसकी सोशल मीडिया सेल जोर-शोर से करती रहती है। केंद्र सरकार और भाजपा के लोग प्राय: पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने व ललकारने की बात करके अपना शौर्य प्रदर्शन भी करते हैं लेकिन एलएसी पर चीन की घुसपैठ पर चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन मोदी सरकार के शौर्य की पोल उन्हीं के विदेश मंत्री एस जयशंकर और सेनाप्रमुख मनोज पांडे ने खोली है।

एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति ‘बहुत नाजुक’ बनी हुई है और कुछ इलाकों में भारत एवं चीन, दोनों देशों के सैनिकों की नजदीक तैनाती करने के चलते सैन्य आकलन के अनुसार, हालात ‘काफी खतरनाक’ है। जयशंकर ने यह भी कहा कि वह और चीन के तत्कालीन विदेश मंत्री वांग यी सितंबर २०२० में इसको लेकर एक सैद्धांतिक सहमति पर पहुंचे थे कि इस मुद्दे को वैâसे सुलझाया जाए तथा जिस बात पर सहमति बनी थी, उसे चीन को पूरा करना है। विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में एक संवाद सत्र में यह स्पष्ट किया कि जब तक ‘इन समस्याओं’ का समाधान नहीं हो जाता, तब तक दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हो सकते। फिलहाल, भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों पर लगभग तीन साल से आमने-सामने हैं। जयशंकर ने कहा, ‘मैं कहूंगा, यह चीन के साथ हमारे संबंधों में एक बहुत चुनौतीपूर्ण और असामान्य चरण है।’

पेट्रोलिंग पॉइंट ‘खोने’ संबंधी सवाल हटाए गए: रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने २१ मार्च को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उत्तर दिए जाने वाले प्रश्नों की अंतिम सूची से लद्दाख में पेट्रोलिंग पॉइंट्स ‘गंवाने’ संबंधी सवालों को बाहर कर दिया। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी के हवाले से मीडिया में आई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय को सौंपी गई सवालों की सूची ३५ से घटाकर २४ कर दी गई है। गौरतलब हो कि विपक्ष पूर्वी लद्दाख में ६५ में से २६ पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक भारत की पहुंच ‘खोने’ पर सरकार से जवाब मांग रहा है। लद्दाख में विशिष्ट स्थानों तक पहुंच खोने की बात तब सामने आई, जब जनवरी के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में लेह-लद्दाख के अधीक्षक द्वारा लिखित एक शोध-पत्र प्रस्तुत किया गया। पेपर ने खुलासा किया कि भारतीय सुरक्षा बलों (आईएसएफ) द्वारा प्रतिबंधात्मक या कोई गश्त नहीं करने के परिणामस्वरूप भारत पूर्वी लद्दाख में ६५ पेट्रोलिंग पॉइंट्स (गश्ती बिंदुओं) में से २६ तक पहुंच ‘खो’ रहा है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने २०२० में चीनी घुसपैठ के बाद से संसद में इस मुद्दे पर कम से कम ५७ सवाल दायर किए हैं।

चीन का पीछे हटने का इरादा… – आर्मी चीफ मनोज पांडे
भारत के साथ पूर्वी लद्दाख की सीमा पर विवाद पैदा कर रहा चीन अपने कदम पीछे लेने को तैयार नहीं हो रहा है। भारत के पूर्वी सेक्टर पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अतिरिक्त जवानों की तैनाती एलएसी पर की गई है, जिसके चलते सेनाओं के योजनाबद्ध तरीके से पीछे हटने का मामला खटाई में पड़ गया है। इसी के साथ भारतीय सेना ने भी किसी मिलिट्री इमरजेंसी से निपटने के लिए वहां पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। भारतीय थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में कहा कि चीन की पीएलए ने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी से अपने सैनिकों को कम नहीं किया है और बहुत तेजी के साथ सीमा पर मिलिट्री अपग्रेडेशन कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन ने गलवान, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स और पेगोंग त्सो में हुई आगे बढ़ने की कोशिश करने के लिए ५०,००० सैनिकों को भारी हथियारों के साथ सीमा पर तैनात किया है। जनरल मनोज पांडे ने बताया कि एलएसी पर मुख्य चुनौती पीएलए के सैनिकों की भारी मात्रा में तैनाती है। पीएलए द्वारा सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश के किबिथू तक कम से कम ६ लाइट टू मीडियम कंबाइंड आर्मर्ड ब्रिगेड की तैनाती का अनुमान है।