ईसाई से हिन्दू बने 1100 लोगों की हुईं घर वापसी…लोगों ने कहा- सभी भटक गए थे इसलिए सनातन धर्म छोड़ दिया था

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छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा स्थल पर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज के उपस्थिति में 11 सौ लोगों की घर वापसी तांबे के पात्र में गंगा जल डाल कर पैरों को धुलवा कर करवाई गई
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा स्थल पर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज के उपस्थिति में 11 सौ लोगों की घर वापसी तांबे के पात्र में गंगा जल डाल कर पैरों को धुलवा कर करवाई गई. वहीं, घर वापसी करने वाले लोगों को पंडित हिमांशु कृष्ण महाराज ने हिंदू धर्म की शपथ दिलाई. उन्होंने कहा कि आज से आप सनातनी हैं, वहीं लोगों का कहना है कि वे सभी भटक गए थे, इसलिए उन्होंने धर्म छोड़ दिया था.
जानकारी के लिए बता दें कि श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा स्थल में घर वापसी कार्यक्रम संयोजक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, संपत अग्रवाल, आचार्य राकेश, कपिल शास्त्री, तारा कांत प्रधान,चतुर्भुज आर्य, वासुदेव शास्त्री,घनश्याम द्वीप,रामचंद्र अग्रवाल, प्रद्युमन सिंह के द्वारा बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज के उपस्थिति में 11 सौ लोगों को हिंदू धर्म में घर वापसी करवाई गई.
बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान हमारे सनातन धर्म से जो अनेक ग्रामों के करीब 325 परिवारों के 11 सौ लोग बिछड़ गए थे, उन्हें पुनः सनातन धर्म में वापसी कराया गया. पिता दिलीप सिंह जूदेव के नेतृत्व में जो यह घर वापसी अभियान की शुरुआत किया गया है, उसे हम सब मिलकर आगे बढा रहे हैं. हिन्दू बचाना, हिन्दू बनाना, मंदिर बनाने से भी बहुत बड़ा कार्य है. हिन्दू घटा है, जब जब हिन्दू बटा है, पूर्वजों का सम्मान करें, हिन्दूत्व राष्ट्रीयता का प्रतीक है, आओ हम सब मिलकर हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करें. डा. सम्पत अग्रवाल ने कहा कि आज श्री मद्भागवत कथा के दौरान 11 सौ लोगों की घर वापसी उनके पांव धो कर करवाई गई है, यह सनातन एकता, वैभवशाली सनातन संस्कृति की देन है.