बच्चों को क्लासरूम से निकाल नमाज अदा करने के मामले ने पकड़ा तूल, वीडियो वायरल होने पर बोलीं शिवराज की मंत्री – ये बिल्कुल गलत
SG
मध्य प्रदेश के भोपाल (Madhya Pradesh Bhopal) में एक स्कूल के क्लासरूम के अंदर महिला शिक्षिका द्वारा नमाज पढ़ने को लेकर विवाद गहरा गया है। वीडियो वायरल होने के बाद लोग इसपर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। मामला भोपाल के जहांगीराबाद में बने एमपी के पहले मॉडल CM राइज रशीदिया स्कूल का है। यह भी कहा जा रहा है नमाज पढ़ने से पहले क्लासरूम से सभी बच्चों को बाहर कर दिया गया था। अब इस मामले में जांच और कार्रवाई की बात की जा रही है।
क्लास से बच्चों को निकाल कर टीचर ने पढ़ी नमाज
मामला काफी गंभीर है स्कूल प्रबंधन ने इस पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। स्कूल के प्रिंसिपल केडी श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि आरोपी शिक्षिका को नोटिस जारी किया गया है, जिसका जवाब आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्रिंसिपल के मुताबिक यह वीडियो उनके संज्ञान में है और वरिष्ठ अफसरों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। प्रिंसिपल ने कहा कि बच्चों द्वारा नमाज पढ़े जाने के आरोप गलत हैं। स्कूल में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियां करना अलाउड नहीं है।सरकारी नियम भी इसकी इजाजत नहीं देते इसलिए शिक्षिका को नोटिस दिया गया है।
शिक्षिका को कारण बताओ नोटिस जारी
शिक्षिका द्वारा बच्चों को नमाज़ के लिए कक्षा से बाहर निकालने का मामले ने अब तूल पकड़ लिया है।अब इस पर कार्रवाही की शुरूआत हो गई है। आपको बता दें कि स्कूल के आसपास बड़ी तादाद में मुस्लिम आबादी रहती है। बड़ी संख्या में यहां पर मुस्लिम छात्र-छात्राएं भी पढ़ते हैं।स्कूल में लगभग 12 मुस्लिम शिक्षक हैं, जिनमें से अधिकांश पर क्लास के वक्त पर नमाज पढ़ने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि स्कूल प्रबंधन इस बात से इनकार करता रहा है। यह वीडियो वायरल होने के बाद इस विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। टीचर का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसके बाद उसे कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने मामले में संज्ञान लिया है. आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (Priyanka Kanungo, President) ने ट्वीट कर लिखा, “बच्चों की पढ़ाई के मूल कार्य रोक कर स्कूलों में इस प्रकार की गतिविधि नहीं करना चाहिए। आयोग द्वारा संज्ञान ले कर सम्बंधित अधिकारियों को नोटिस प्रेषित करने की कार्रवाई गई है।