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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में छत्रपति शिवाजी की जयंती पर रविवार (19 फरवरी 2023) को वामपंथी छात्रों का उत्पात सामने आया है। ABVP ने छत्रपति की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया था। आरोप है कि एसएफआई के छात्रों ने छात्रपति की शिवाजी की तस्वीर फेंक दी। अभाविप ने कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया में शेयर की है जिसमें छात्रपति की तस्वीरें और फूल माला जमीन पर फेंके दिख रहे हैं। इस घटना में अभाविप से जुड़े करीब आधा दर्जन छात्र घायल भी हुए हैं। संगठन ने घटना की निंदा करते हुए आरोपितों पर कठोर कार्रवाई की माँग की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर बताया है कि छात्र संघ के कार्यालय टेफलाज में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें वामपंथियों ने उपद्रव मचाते हुए तस्वीर फेंक दी। ABVP ने हमलावरों को देशद्रोही बताया है। एनबीटी ने एबीवीपी के हवाले से बताया है कि विरोधी छात्रों का कहना था कि ‘जेएनयू में शिवाजी-शिवाजी नहीं चलेगा’। एबीवीपी ने इन पर छ. शिवाजी महाराज के साथ साथ फुले और महाराणा प्रताप के चित्रों का अपमान करने का भी आरोप लगाया है।
JNU में ABVP के महामंत्री उमेश चंद्र ने हमले का आरोप SFI (स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया) पर लगाया है। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर और फूल-माला फेंक दी। ABVP के जेएनयू के सोशल मीडिया कन्वेनर कुमार आशुतोष के मुताबिक वामपंथियों के हमले में विद्यार्थी परिषद के 5-6 छात्र घायल हुए हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस से आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। ABVP ने यह भी माँग की है कि JNU के छात्रसंघ भवन का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा जाए।
इस घटना पर कॉन्ग्रेस की छात्र शाखा NSUI का भी बयान सामने आया है। NSUI के JNU महासचिव के अनुसार ABVP ने छात्रसंघ भवन में जो कार्यक्रम किया था, उसके लिए अनुमति की जरूरत होती है। NSUI के मुताबिक बिना परमिशन के हुए कार्यक्रम की ही वजह से इस मामले में विवाद हुआ, क्योंकि छात्रों के एक अन्य समूह ने इसका विरोध किया।