दिल्ली : मोदी विरोधी बेनामी पोस्टर, AAP दफ्तर से निकले वैन में मिले 10 हजार पोस्टर, 50 हजार के दिए गए थे ऑर्डर
SG दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में आपत्तिजनक पोस्टर लगाने के मामले में पुलिस ने करीब 100 एफआईआर दर्ज किए हैं। अब तक 6 की गिरफ्तारी हुई है। ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ लिखे’ ये पोस्टर 19 मार्च 2023 से लेकर सोमवार की सुबह तक दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में लगाए गए थे। इन पर इसे मुद्रित करने वाले का नाम तक नहीं था। आम आदमी पार्टी (AAP) के दफ्तर से निकले एक वैन को पकड़ा गया है, जिसमें इस तरह के करीब 10 हजार पोस्टर मिलने की बात कही जा रही है। यह बात भी सामने आई है कि करीब 50 हजार पोस्टर प्रिंट करने के ऑर्डर दिए गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार की रात दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ लिखे पोस्टर लगाए गए थे। इन पोस्टरों को न सिर्फ सार्वजानिक स्थानों और सरकारी भवनों पर चिपकाया गया था, बल्कि कई प्राइवेट प्रॉपर्टी पर भी लगाया गया था। पोस्टरों में प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं था। इसकी जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने लगभग 2 हजार पोस्टरों को अलग-अलग हिस्सों से हटावाया। प्रिंटिंग प्रेस अधिनियम के साथ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत 100 FIR दर्ज कर दिल्ली पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
जाँच के दौरान पोस्टर छापने वाले एक प्रिंटिंग प्रेस का पता दिल्ली के नारायणा में मिला। पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे ऐसे 50 हजार पोस्टर छापने का ऑर्डर दिया गया था। पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस में मिले कुछ पोस्टरों को जब्त कर लिया है। इसी दौरान आम आदमी पार्टी ऑफिस के पास एक वाहन को पुलिस ने रोका। यह गाड़ी आम आदमी पार्टी ऑफिस से निकलकर डीडीयू मार्ग की तरफ बढ़ रही थी। तलाशी के दौरान इसमें लगभग 10 हजार पोस्टर मिले, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। गाड़ी मालिक विष्णु और ड्राइवर पप्पू को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक पोस्टरों को छापने और चिपकाने के लिए 2 अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस को ठेका दिया गया था। पुलिस ने दूसरे प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस इस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। पुलिस यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि पोस्टरों को किसके इशारे पर छापा और चिपकाया जा रहा था। गौरतलब है कि नियमानुसार पोस्टर पर प्रिंट करने वाले प्रेस की जानकारी देना अनिवार्य होता है। साथ ही बिना अनुमति पब्लिक या सरकारी सम्पत्ति पर पोस्टर चिपकाना भी कानूनन जुर्म है।