SG आज पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के कारण हम युगों प्राचीन सनातनी रीति-रिवाज को नज़रअंदाज करने के आदी हो गए हैं, जिस कारण संस्कारों की बात करने वालों को रूढ़िवादी अथवा सठियाया बता झूठलाने का प्रयत्न करते हैं। हर नारी को स्वर्ण का मोह होता है, जिसे झूठलाया नहीं जा सकता। हिन्दू वेद, पुराण, उपनिषद एवं भारतीय संस्कृति इस बात की साक्षी है कि नारी द्वारा अपने अंगों पर धारण किए आभूषण का अपना महत्व होता है।
बहुत सी ऐसी चीजें है जो हम सदियों से करते चले आ रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथ जोड़ कर नमस्कार करना, बड़ों के पैर छूना, मंदिर की घंटी बजाना, आदि हम सिर्फ संस्कृति के हिसाब से ही नहीं करते, बल्कि इनके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। तो आइये जानें इन रीति-रिवाजों से जुड़े कुछ ऐसे वैज्ञानिक कारण जो आपको हैरान कर देंगे।
Ancient Vedic literature described nanoscale time and atomic scale distance.
“I go to the Upanishads to ask questions.” Niels Bohr, Nobel Prize Physics.
So did Erwin Schrödinger, J. Robert Oppenheimer, and Werner Heisenberg.
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— Bhāratvarṣam (@OriginsOfIndia) February 9, 2023
Leading scientists at the world’s top universities & companies are investing in researching Vedic literature. Over the next few decades, their research will yield innovations that will benefit humanity. Numerous projects are underway.
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— Bhāratvarṣam (@OriginsOfIndia) February 9, 2023
हिन्दू संस्कृति में लोग, अपने हाथ जोड़ कर लोगों का अभिवादन करते हैं जिसे हम नमस्कार कहते हैं। इसका मतलब लोगों को सम्मान देना है। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है, जब हम नमस्कार करते हैं तो हमारे हाथों की हथेलियां आपस में जुड़ती हैं जिससे अंगुलियों के माध्यम से एक प्रेशर पैदा होता है, जो हमारी याददाश्त को मजबूत बनाने में सहायक होता है।