एक दिन सारे बदबूदार सिखों को मुस्लिम बनाएँगे, तैयार है प्लान’: पाकिस्तान के मौलाना डॉक्टर मोहम्मद सुलेमान ने गुरु नानक को भी कहे अपशब्द
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जिस तरह पाकिस्तान से भारत विरोधी बयानबाज़ी सामने आ रही है, कि पाकिस्तान कंगाली के कगार पर नहीं, बल्कि कंगाली के नाम पर भारत विरोधियों से धन एकत्रित कर आतंकियों और डॉ मोहम्मद सुलेमान जैसे ढोंगी सूफी संत मौलानाओं को पोषित करने के लिए सोंची-समझी सियासत को अंजाम दिया जा रहा है।
सुलेमान ने सिख धर्म के विरुद्ध जिस मानसिकता को दर्शाया है, समस्त सिख समाज को पाकिस्तान से अपना विरोध दर्ज करवाकर ऐसे पाखंडी सूफी संतों पर सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर प्रदर्शन करने चाहिए।
भारत मे एक तरफ खालिस्तान की माँग को लेकर अमृतपाल सिंह जैसे लोग उत्पात मचा रहे हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के मौलानाओं द्वारा सिखों को लेकर कई तरह के आपत्तिजनक बयान सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान के एक सूफी संत मौलाना डॉक्टर मोहम्मद सुलेमान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह गुरुनानक देव के बारे में कई आपत्तिजनक बातें कह रहा है। वह उन्हें धर्मांतरित करने की बात कह रहा है।
डॉक्टर सुलेमान सिखों को गंदा और बदबूदार बता रहा है। उसका कहना है कि एक दिन सभी सिखों को इस्लाम कबूल करवाकर ही वह दम लेगा। इससे पहले भी एक मौलवी का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह गुरुनानक देव पर कई तरह की विवादित टिप्पणियाँ कर रहा है।
वीडियो में सुलेमान कहता है, “मुझे सिखों के काफी फोन आते हैं। अब जो है सो है, लेकिन मैं बहुत हैरान हूँ। हमारे पैगंबर ने तो हमसे बगल के बाल भी साफ करने को कहा है। मैं लाहौर में पढ़ता था, इसलिए मैंने इन्हें देखा है। अल्लाह मुझे माफ करे, ये सिख इतने गंदे हैं। इनके दाढ़ी होती है। हम इन सिखों को एक दिन मुसलमान बनाएँगे।”
सुलेमान आगे कह रहा है, “हमारे पास पूरा एक प्लान है और अभी इसे आगे न लेकर जाएँ।” सुलेमान यहीं नहीं रुकता है।। उसने यहाँ तक कह दिया कि सिखों के जो गुरु थे, पता नहीं वो क्या थे। सुलेमान कहना है कि पैगंबर उनसे अधिक महान थे। सुलेमान कहता है कि सिख अपने गुरु के पीछे भाग रहे हैं और फिर भी गंदे-गंदे काम करते हैं।
सुलेमान से पहले पाकिस्तान के एक मौलवी की क्लिप शेयर किया गया था। इस क्लिप में मौलवी ने सिखों के गुरु, गुरुनानक के बारे में कई बातें कही थीं। मौलवी का कहना था कि गुरुनानक ने कलमा नहीं पढ़ा था और इस्लाम कबूल नहीं किया था। इसलिए वह अच्छे इंसान नहीं हो सकते थे। उनका कहना था कि भले ही गुरुनानक, बाबा फरीद को पसंद करते थे मगर ऐसा करने से तो वह मुसलमान नहीं हो जाते। सच्चा मुसलमान वही है जो कलमा पढ़े।
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