
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के विकास के लिए अपनी सरकार का विजन प्रस्तुत किया। उन्होंने आर्थिकी पारिस्थितिकी और प्रौद्योगिकी के समन्वय से राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की बात कही। धामी ने कहा कि उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए उनकी सरकार कठोर निर्णय लेने से भी नहीं हिचकिचाएगी।
देहरादून। अभिव्यक्ति के उत्सव जागरण संवादी के मंच पर शनिवार को मध्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास के सपनों का मंच भी सजा। अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे करने की दहलीज पर पहुंच चुके उत्तराखंड ने इस कालखंड में विकास के नए प्रतिमान गढ़े हैं, विशेषकर पिछले 11 वर्षों के दौरान। संवादी में प्रबुद्धजनों और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रश्नोत्तर के क्रम ने जोर पकड़ा तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के खाते में आई उपलब्धियों का उल्लेख करने के साथ ही अपना विजन भी सामने रखा।
प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्ष के कार्यकाल में भारत वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा है। देश में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बना है। हाल में ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर चलाया और चार दिन में ही पाकिस्तान को घुटने के बल पर लाकर खड़ा कर दिया। इसमें सबसे बड़ी बात है आत्मनिर्भर व विकसित भारत का संकल्प। भारत में निर्मित स्वदेशी रक्षा उपकरणों ने जिस तरह से पाकिस्तान में आतंकी अड्डों को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई, वह पूरे विश्व ने देखा।
तेजी से विकसित हो रहा है आधारभूत ढांचा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में सड़कें बेहतर बन रही हैं। आने वाले समय में लोग हवाई टिकट लेंगे ही नहीं। कुछ ही माह में दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड का काम पूरा होने पर यह दूरी ढाई घंटे में तय हो जाएगी। आलवेदर रोड जिस तरह से बनी हैं, उससे चारधाम व आदि कैलास यात्रा सुगम हुई है। इस वर्ष कैलास मानसरोवर फिर से प्रारंभ होने जा रही है। चार जुलाई को पहला जत्था टनकपुर पहुंचेगा और पांच जुलाई को आगे बढ़ेगा। न्यू लिपुलेख से बाबा के दर्शन होंगे। एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ा जा रहा है।
राज्य में अब रिवर्स पलायन
पलायन से जुड़े प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यह एक बड़ी समस्या थी। लोग पूछते थे कि पलायन कितना हो गया, लेकिन अब रिवर्स पलायन हो रहा है। वापस लौटे लोग विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। यात्रा मार्गों समेत तमाम स्थानों पर होम स्टे, छोटे ढाबे आदि खुल रहे हैं। चारधाम यात्रा ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। यात्रा मार्गों पर 300 करोड़ का कारोबार हो चुका है, यह कीर्तिमान है।
दशकों से अटकी योजनाओं को मिला धरातल
वर्षों से अटकी तमाम योजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून की सौंग बांध परियोजना की बात हो या हल्द्वानी की जमरानी बहुद्देश्यीय बांध परियोजना की, ये दशकों से लटकी हुई थीं। अब प्रधानमंत्री मोदी के सहयोग से इनकी स्वीकृति मिलने के साथ ही काम भी शुरू हो गया है। देहरादून में लखवाड़ बांध परियोजना को स्वीकृति मिल गई है। किच्छा में एम्स बन रहा है। यहां से हवाई सेवाएं देशभर के लिए हो गई हैं। देहरादून एयरपोर्ट को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की मान्यता मिल जाएगी। पंतनगर में ग्रीनफील्ड बन रहा है।
हेली सेवा से जुड़ेंगे मुख्य गंतव्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जिलों में जो मुख्य पर्यटन गंतव्य हैं, उन्हें हेली सेवा से जोड़ा जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए काम हो रहा है। साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कई काम हो रहे हैं। डबल इंजन के बूते उत्तराखंड हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
जीईपी देने वाला उत्तराखंड पहला राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीडीपी की तर्ज पर उत्तराखंड जीईपी देने वाला पहला राज्य है। कहा कि आर्थिकी, पारिस्थितिकी व तकनीकी में सामंजस्य से हम आगे बढ़ रहे हैं। नीति आयोग के वर्ष 2024 के इंडेक्स में उत्तराखंड पहले स्थान पर रहा है। वित्तीय अनुशासन के मामले में छोटे राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड दूसरे स्थान पर रहा। सिलक्यारा टनल के रेस्क्यू माडल पर देश-दुनिया के लोग शोध कर रहे हैं।
औद्योगिक विकास व रोजगार के अवसर
वैश्विक निवेशक सम्मेलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में 3.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर करार हुए थे। अब तक एक लाख करोड़ के प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। नकलरोधी कानून के बाद 24 हजार नियुक्तियां हो चुकी हैं। यही नहीं, जी-20 की बैठकों का शानदार आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से देवभूमि खेलभूमि की ओर बढ़ी है।
हमेशा यही सोचा कि राज्य के लिए कुछ करना है
यह पूछे जाने पर कि धाकड़ धामी का अगला बम (बड़ा निर्णय) क्या होगा, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रसिद्धि पाने या व्यक्तिगत विचार की दृष्टि से ऐसा सोचा नहीं था। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि कुछ बनना है, ये सोचा कि कुछ करना है। मेरा उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने, उसके लिए जो जरूरी होगा करूंगा। निर्णय लेने में मैं हिचकता नहीं हूं। कड़े फैसले लेने में कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
कवि हृदय के रूप में नया रूप
संवादी में मुख्यमंत्री का कवि के रूप में नया रूप भी सामने आया। मुख्यमंत्री बोले- जब मैं पढ़ता था, तब कभी-कभार लिख लेता था। उन्होंने अपनी कविता की पंक्तियां- दूर जाना दूर जाना दूर जाना, ये मत पूछो कि कितनी दूर जाना, मत रोको-मत रोको मुझे, अपने प्रेम में मत रोको, कहां है मेरा ठिकाना, मत रोको-मत रोको…।