दिल्ली : केजरीवाल के आवास के बाहर पुजारियों का प्रदर्शन : ‘मौलवियों को वेतन दिया जा सकता है, तो हमें क्यों नहीं’
SG
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के सामने आज (7 फरवरी, 2023) को हजारों पुजारियों ने वेतन की माँग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि जब मौलवियों को वेतन दिया जा सकता है, तो उन्हें क्यों नहीं? इसमें दिल्ली बीजेपी के मंदिर प्रकोष्ठ के लोग भी शामिल थे। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल के आवास के सामने हनुमान चालीसा के साथ पुजारियों ने धरना-प्रदर्शन किया।
पुजारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार जब तक उन्हें वेतन नहीं देगी और सनातन धर्म की रक्षा के लिए काम नहीं करेगी, तब तक यह धरना-प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा, “इस सरकार को हम बताना चाहते हैं कि ये तो तमाम पंडित पुजारियों की हुंकार है। हम 2024 में इन्हें दिखा देंगे कि सनातन धर्म की क्या ताकत है। जितने भी लोग जुड़े हुए हैं सभी सनातनी है। ये सनातन धर्म की ललकार है। होश में आ जाओ और समान रूप से पुजारियों का वेतन भी तय करो।”
हालाँकि, यह पहली बार नहीं है, जब पुजारियों को उनका हक दिलाने के लिए प्रदर्शन किया गया हो। इससे पहले भी इस तरह के विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। साल 2021 में दिल्ली के विभिन्न मंदिरों में पुजारियों को वेतन देने की माँग को लेकर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के सामने प्रदर्शन किया था। बीजेपी ने माँग की थी कि दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों को उचित वेतनमान दिया जाए।
केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा था कि जब मस्जिद की देखभाल करने वाले काज़ियों और इमामों को वेतन दिया जा सकता है तो मंदिर के पुजारियों को भी वेतन मिलना चाहिए। मंदिरों की सेवा करने वाले पुजारियों और साधु संतों को किसी तरह का वेतन नहीं दिया जाना, दिल्ली सरकार के भेदभाव को दर्शाता है ।
दिल्ली वक्फ बोर्ड की पंजीकृत करीब 185 मस्जिदों के 225 इमाम और मुअज्जिनों को हर महीने वेतन दिया जाता है। इसमें 18 हजार रुपए इमाम को और 14 हजार रुपए मुअज्जिनों को दिए जाते हैं। वहीं बात करें अनरजिस्टर्ड मस्जिदों की तो यहाँ के इमामों को 14 हजार और मुअज्जिनों को 12 हजार रुपए प्रति माह का मानदेय मिलता है।