भारत में धरती कांपी तो आ सकती है तबाही: भूकंप के खतरनाक जोन में हैं ३८ शहर! …सबसे खतरनाक है पांचवां जोन
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नई दिल्ली
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के तेज झटके से दुनिया इन दिनों हिल गई है। इस खौफनाक प्राकृतिक आपदा में देखते ही देखते कई हजार नागरिक समा गए। अनुमान के मुताबिक ५ हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी देश ने इस तरह भूकंप के झटके महसूस किए। भारत भी इन तेज भूकंप के झटकों का सामना कर चुका है। जानकारों की मानें तो भारत में ऐसे ३८ शहर हैं, जहां हमेशा अधिक तीव्रता के भूकंप का खतरा मंडराते रहता है। यदि इन शहरों में धरती कांपी तो देश में तबाही आ सकती है। बताया जाता है कि ३८ शहरों में जो शहर पांचवें जोन में आते हैं, वो भूकंप के लिहाज से बहुत ही खतरनाक श्रेणी में हैं।
भूकंप की चपेट में ५९ फीसदी भूमि
भारत में विनाशकारी भूकंपों का इतिहास रहा है। भारत के भौगोलिक आंकड़े बताते हैं कि लगभग ५९ फीसदी भूमि भूकंप की चपेट में है। देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है, इनमें जोन ५ भूकंपीय रूप से सबसे सक्रिय क्षेत्र हैं, जबकि जोन २ सबसे कम है। देश का लगभग ११ प्रतिशत क्षेत्र जोन ५ में, १८ प्रतिशत जोन ४ में, जोन ३ में ३० प्रतिशत और जोन २ में बाकी का हिस्सा आता है।
३८ शहर हैं उच्च जोखिम में
भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, भारतीय उप महाद्वीप का लगभग ५९ फीसदी हिस्सा भूकंप की चपेट में है और कम-से-कम ३८ शहर उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं। इनमें कश्मीर, पश्चिमी और मध्य हिमालय, उत्तर और मध्य बिहार, उत्तर-पूर्वी भारतीय क्षेत्र, कच्छ का रण और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के कई शहर आते हैं।
पांच भूकंप काफी विनाशकारी
असम में १५ अगस्त १९५० को भूकंप आया था। ८.६ तीव्रता वाले इस भूकंप ने असम और तिब्बत में जबरदस्त तबाही मचाई थी। असम में १,५०० से अधिक लोग मारे गए थे। महाराष्ट्र के लातूर-धाराशिव, किल्लारी में १९९३ को ६.३ तीव्रता वाले भूकंप ने ११ हजार से अधिक लोगों की जान ली थी। १९९१ में चमोली में आए भूकंप के कारण २,००० लोगों की मौत हुई थी। साल २००१ में गुजरात के भुज में विनाशकारी भूकंप आया था। ७.७ तीव्रतावाले इस भूकंप में २० हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि ४ लाख से अधिक इमारतें तबाह हो गई थीं, वहीं सिक्किम में साल २०११ में आए भूकंप में १११ लोगों की मौत हुई थी।
पाक ने डाला अड़ंगा
तुर्की को अपना सच्चा दोस्त बताने वाला पाकिस्तान अपनी ओछी हरकत से बाज नहीं आने वाला है। तुर्की में आए भीषण भूकंप के बाद जहां सभी देश उसकी मदद के लिए दौड़ पड़े हैं, वहीं पाकिस्तान इस मामले में भी अपनी राजनीति चमका रहा है। वह भारत को तुर्किए की मदद करने में अड़ंगा डाल रहा है। उसने भारतीय वायुसेना के विमान सी-१७ ग्लोबमास्टर को अपना हवाई क्षेत्र देने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि तुर्की में बीते सोमवार को भूकंप के तेज झटकों ने देश में बड़ा नुकसान पहुंचाया है। भूकंप के झटकों से कई इमारतें धराशायी हो गर्इं। अब तक आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ४,९८३ लोगों की मौत हो चुकी है।