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झांकी : हनुमान चालीसा गाओ, मुफ्त भोजन पाओ!

SG

राजकोट के मोटा मावल स्थित जलाराम फूड कोर्ट एंड गार्डन रेस्टोरेंट ने एक अनोखी योजना शुरू की है, जिसमें १५ वर्ष तक के बच्चों को हनुमान चालीसा बोलकर मुफ्त भोजन यानी बिल्कुल मुफ्त मिलेगा। वर्तमान में जलाराम फूड कोर्ट की यह पेशकश पूरे राजकोट में चर्चा का केंद्र बन गई है। रेस्टोरेंट के मालिक ने बिना किताब खोले मुंह से हनुमान चालीसा गाने वाले बच्चों को मुफ्त में असीमित भोजन देने की घोषणा की है। रेस्टोरेंट मालिक इस योजना को जीवन भर जारी रखने की बात करते हुए कहता है कि मेरा लक्ष्य एक लाख बच्चों को हनुमान चालीसा का पाठ कराना है। साथ ही वह यह कहना भी नहीं भूलता कि यह योजना ग्राहकों को आकर्षित करने या मीडिया में चमकने के लिए नहीं है। यहां बड़ी संख्या में लोग खाना खाने आते हैं। इस प्रयोग को रेस्टोरेंट में आए लोगों ने भी सराहा। यहां आए कई बच्चों ने जोर-जोर से हनुमान चालीसा का पाठ किया और तरह-तरह के मुफ्त भोजन का लुत्फ उठाया। जलाराम फूड कोर्ट में आए बच्चों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने इस तरह हनुमान चालीसा का जाप किया और तरह-तरह के व्यंजनों का लुत्फ उठाया। अब यहां बच्चों के साथ आने वाले माता-पिता भी बच्चों को हनुमान चालीसा का जाप करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस फूड कोर्ट में आनेवाले बच्चों द्वारा एक फॉर्म भरा जाता है। जिसमें उनका नाम और किस स्कूल में पढ़ते हैं, फोन नंबर और उनकी उम्र भी दर्ज है। यहां के कई बच्चे इस रोमांचक योजना से पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं।

सारधा जिन्न फिर बाहर
सारधा घोटाले का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ गया है। नतीजतन ईडी की टीम ने फिर से इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है। पिछले कई सालों से यह मामला चल रहा है। इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम व पूर्व माकपा विधायक देबेन विश्वास जैसे नेताओं को लाभार्थी बताया गया है तथा उनकी संपत्ति अटैच की गई है। असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता की कंपनी को लाभार्थियों की श्रेणी में रखा है और इनकी ६ करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अटैच की है। पीएमएलए के तहत ३.३ करोड़ रुपए की चल संपत्ति और ३ करोड़ रुपए की अचल संपत्ति को अटैच करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। इन संपत्तियों का मालिकाना हक सारधा समूह और अन्य लोगों के पास था, जो समूह द्वारा उत्पन्न ‘अपराध की आय’ के लाभार्थी थे। ‘लाभार्थियों’ में नलिनी चिदंबरम, ईस्ट बंगाल क्लब के एक अधिकारी देवब्रत सरकार, एक पूर्व आईपीएस अधिकारी और पूर्व सीपीएम विधायक देबेन विश्वास और अंजन दत्ता के ‘स्वामित्व’ वाली अनुभूति प्रिंटर एंड पब्लिकेशन शामिल है। ईडी ने पहले कहा था कि इस मामले में नलिनी चिदंबरम की भूमिका सारधा समूह द्वारा १.२६ करोड़ रुपए के कानूनी शुल्क के भुगतान से कथित रूप से जुड़ी हुई थी, जो कि एक टेलीविजन चैनल खरीद सौदे पर अदालत और कंपनी लॉ बोर्ड में पेशी के लिए थी। दत्ता को असम के दिवंगत मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का करीबी विश्वासपात्र माना जाता था और वह परिवहन सहित कई विभागों को संभालते हुए उनके मंत्रिमंडल में मंत्री थे।

टूट पर टूट, भाजपा में फूट
बंगाल में पंचायत चुनाव होने वाले हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव भी होना है। लेकिन प्रदेश भाजपा में लगातार हो रही टूट को पार्टी नहीं रोक पा रही है। गत रविवार को अलीपुरदुआर के भाजपा विधायक सुमन कांजीलाल तृणमूल में शामिल हो गए। लगातार हो रही यह टूट क्यों नहीं रुक पा रही है? इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा नेताओं से रिपोर्ट तलब की है। इस दल-बदल ने एक ओर जहां भाजपा नेतृत्व पर दबाव बढ़ा दिया है, वहीं इसे लेकर राजनीतिक चर्चा भी तेज हो गई है। अटकलें लग रही हैं कि १३ और विधायक भाजपा छोड़ सकते हैं। इस बारे में भाजपा विधायक मनोज टिग्गा कहते हैं कि मीडिया से सुनने में आ रहा है कि उत्तर बंगाल के कुछ विधायक जा सकते हैं, लेकिन कौन जाएंगे, यह नहीं पता। उत्तर बंगाल में भाजपा के २६-२७ विधायक हैं। अगर पता होता कि कौन जा रहे हैं तो उनसे बात करता। सांसद राजू बिष्ट से नाराज उत्तर बंगाल के विधायकों को रोकने के लिए पार्टी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।