पत्रकारों के समक्ष उद्धव ठाकरे की मांग : पहले गद्दारों की अपात्रता का फैसला होने दो!…सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक चुनाव आयोग का फैसला न हो!

SG
किसी पक्ष का एक सदस्य चला जाए तो पूरा पक्ष उसका नहीं होता। पहले भाजपा के दो ही सांसद थे। वे कांग्रेस में गए होते तो क्या भाजपा समाप्त हो जाती?’
मुंबई
शिवसेना से बगावत करनेवाले विधायकों की अपात्रता को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही केंद्रीय चुनाव आयोग धनुष-बाण किसका है, इस पर पैâसला करे, ऐसी महत्वपूर्ण मांग कल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने की। लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए, मजबूत बनाने के लिए लोकतंत्र के अनुरूप चुनाव आयोग पैâसला करे, ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा।
‘मातोश्री’ निवासस्थान पर आयोजित पत्रकार परिषद में उद्धव ठाकरे ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए ‘मिंधे’ गुट पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि शिवसेना का क्या होगा, पुन: नाम मिलेगा या नहीं, पुन: धनुष-बाण मिलेगा या नहीं, शिवसेना की पीठ-पेट में वार कर खुद का उद्देश्य पूरा कर शेखी बघारनेवाले गद्दारों का क्या होगा, ऐसा भ्रम हमारे साथ खड़े लाखों-करोड़ों शिवसैनिक, शिवसेनाप्रेमी, जनता, माताओं-बहनों और बंधुओं के मन में है। उसे दूर करने के लिए ही यह पत्रकार परिषद है।
फ ट का रे
• शिवसेना एक ही है और रहेगी, मैं दूसरी शिवसेना को नहीं मानता। मैं दो शिवसेना को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूं। ऐसा हुआ तो कोई भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बनेगा। ऐसे लोकतंत्र पर मेरा विश्वास नहीं।
• सुप्रीम कोर्ट को अपने अंगूठे के नीचे रखकर, उस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। यह स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं है।
• हमारी आंखों के सामने लोकतंत्र पर खुलेआम अत्याचार किया जा रहा है। चुनाव आयोग उस अत्याचार से लोकतंत्र को बचाए।
• शिवसेना पूरी तरह से पार्टी के संविधान का पालन करती है। गद्दारों को कोई फर्क नहीं पड़ता।
• भगोड़ों को पार्टी पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। निर्वाचित प्रतिनिधियों की संख्या के आधार पर ही निर्णय होना चाहिए, गद्दारों का यह दावा हास्यास्पद है।
• इसका मतलब यह है कि किसी को घर में रहने की अनुमति दी और वह घर पर हक जमाने का दावा करने लगा।
१४ फरवरी से लगातार सुनवाई
शिवसेना किसकी है, इस पर दिल्ली की दो अदालतों में सुनवाई चल रही है। दिल्ली में ऐसे कई दरबार हैं। हालांकि, शिवसेना को लेकर सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट में १४ फरवरी से लगातार सुनवाई होगी, जबकि चुनाव आयोग के समक्ष सुनवाई पूरी हो चुकी है और आयोग जल्द ही पैâसला सुना सकता है। हमारी चुनाव आयोग से विनती है कि पहले बागी विधायकों की अयोग्यता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का पैâसला पहले आने दें। यदि चुनाव आयोग हमारे विरोध में पैâसला सुनाता है और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गद्दारों को अयोग्य घोषित किया तो संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है, ऐसा भी उन्होंने कहा।
१६ गद्दारों के अयोग्य होने की प्रबल संभावना
शिवसेना से गद्दारी करनेवाले शिंदे गुट के १६ सदस्यों के अयोग्य होने की प्रबल संभावना है। इस अयोग्यता का पैâसला जल्द हो, ऐसा उद्धव ठाकरे ने इस दौरान कहा। सभी कानूनी पहलुओं की जांच करने के बाद शिवसेना को कोई भी खतरा नहीं है, ऐसा कानूनविदों का कहना है। अब लोकतंत्र की रक्षा करें, यही चुनाव आयोग से विनती है।