संवाददाता, देहरादून। गर्मियों की छुट्टियों में पहाड़ों का रुख कर रहे सैलानियों की भीड़ और चारधाम यात्रा में उमड़ रहे तीर्थयात्री। इसके बावजूद भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस व प्रशासन की नाकामी हर किसी का मजा किरकिरा कर रही है।

स्थिति यह है कि पुलिस ने यातायात को लेकर कोई प्लान ही नहीं बनाया हुआ, जिस कारण आजकल शहर में पूरा दिन सुबह से रात तक जाम लग रहा। रविवार को तो और बुरे हाल हो गए, जब शहर से लेकर हाईवे तक जाम की जद में आ गए। दून-मसूरी मार्ग पर वाहनों के दबाव के कारण स्थिति यह हुई कि महज 35 किमी की दूरी तय करने में तीन से चार घंटे लग गए।

यही नहीं, हरिद्वार मार्ग पर रिस्पना पुल-जोगीवाला-मोहकमपुर तक सुबह से रात तक करीब चार किमी लंबा जाम लगा रहा और वाहन रेंगते रहे। यही स्थिति, दून-दिल्ली मार्ग की भी रही और मोहंड में भीषण जाम के कारण 20 किमी की दूरी नापने में दो से तीन घंटे लग गए।

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इन दिनों पर्यटन सीजन होने के कारण वाहनों का दबाव सुबह से बढ़ने लगता है, लेकिन देहरादून पुलिस सुध लेने को राजी नहीं। रविवार को वाहनों का दबाव ऐसे बढ़ा कि पूरे शहर में जाम के हालात बन गए। दोपहर में जब स्थिति विकट हुई तो पुलिस शहर की अंदरूनी सड़कों व चाक-चौराहों पर उतरी, लेकिन तब तक स्थिति खराब हो चुकी थी। हर सड़क वाहनों से पैक व जाम ही जाम चारों तरफ।

पुलिस इसे सुलझाने में जुट गई और भूल गई कि राजमार्ग पर क्या स्थिति है। पुलिस की इसी नादानी के चलते शहर के सभी राजमार्ग भारी जाम की चपेट में आ गए। हरिद्वार बाईपास से लेकर दून-पांवटा राजमार्ग, सहारनपुर रोड, मसूरी रोड, कैंट रोड, कमला पैलेस, आइएसबीटी, मोहब्बेवाला, निरंजनपुर मंडी, आढ़त बाजार, चकराता रोड, पंडितवाड़ी से लेकर राजपुर राेड पर वाहनों के पहिये थम गए।

हरिद्वार बाईपास और पंडितवाड़ी-प्रेमनगर-सुद्धोवाला-सेलाकुई तक वाहन घंटों जाम में फंसे रहे। हैरानी वाली बात तो यह है कि जाम की सूचना लोग पुलिस कंट्रोल रूम पर देते रहे और अधिकारियों के मोबाइल भी घनघनाते रहे, लेकिन पुलिस ने इस ओर फोकस नहीं किया। वहीं, लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते रहे।

दून से मसूरी पहुंचने में लगे तीन घंटे

पहाड़ों की रानी मसूरी में इन दिनों पर्यटकों का सैलाब उमड़ रहा है। आलम यह है कि मसूरी में रविवार को किंक्रेग के पास पर करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। कैंपटी रोड व धनोल्टी रोड पर भी जाम की स्थिति बनी रही।

पर्यटकों की आमद के कारण मसूरी के अधिसंख्य होटलों में शत प्रतिशत तक बुकिंग रही। होटल फुल होने से कई पर्यटकों को कमरे तक नहीं मिले, जिससे वह भटकते रहे, तो कई पर्यटकों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। पुलिस-प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्था न किए जाने के कारण दिनभर लगा जाम भी पर्यटकों के आनंद में खलल डालता रहा। स्थिति यह रही कि दून से मसूरी पहुंचने में ढाई से तीन घंटे लग रहे और वहां पहुंचकर मसूरी भी पैक मिल रही।

धनोल्टी, कैंपटी मार्ग भी रहे जाम

मसूरी के साथ ही धनोल्टी, बुरांशखंडा, काणाताल, कैम्पटी आदि क्षेत्रों के अधिकांश होटल और गेस्ट हाउस भी पर्यटकों से पूरी तरह से पैक रहे। लगातार मिली दो दिन की छुट्टी के कारण शुक्रवार रात से ही पर्यटक मसूरी में पहुंचने शुरू हो गए थे, जो रविवार को स्थानीय लोगों के कारण और भीड़ बढ़ गई।

देहरादून-मसूरी मार्ग पर तो जाम लगता रहा। पर्यटकों की भीड़ के चलते कैम्पटी फाल, धनोल्टी, कंपनी गार्डन, भट्टाफाल, गनहिल, मसूरी झील, लालटिब्बा-चार दुकान आदि पर्यटक स्थलों, मालरोड व मसूरी बाजार में जाम की स्थिति रही। गांधी चौक पर भी दिन भर यातायात सुचारू रखने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

हरिद्वार बाईपास पर रेंगते रहे वाहन

हरिद्वार बाईपास पर देर शाम स्थिति बेकाबू हो गई। चूंकि, यहां शहर की बड़ी आबादी के साथ ही राजमार्ग (सहारनपुर व हरिद्वार के बीच) के यातायात का दबाव भी रहता है, इसलिए आइएसबीटी से मोहकमपुर तक जाम लग गया। जो पर्यटक या स्थानीय लोग आइएसबीटी और कारगी चौक से रिस्पना पुल की ओर जा रहे थे, वे भी जाम में फंस गए।

हरिद्वार व ऋषिकेश से दून की ओर आने वाले वाहन भी जाम में फंसे रहे। रात आठ बजे तक भी पुलिस के जवान जाम खुलवाने नहीं पहुंचे। जाम की स्थिति ऐसी रही कि मोहकमपुर से रिस्पना पुल तक पहुंचने में दो से ढाई घंटे, जबकि कारगी चौक से रिस्पना पुल पहुंचने में तीन घंटे का समय लगा, जबकि सामान्य दिनों में यह दूरी महज दस मिनट में तय कर ली जाती है।

पंडितवाड़ी-प्रेमनगर-सुद्धोवाला का बुरा हाल

वर्तमान में शहर में दून-पांवटा राजमार्ग पर पंडितवाड़ी-प्रेमनगर-सुद्धोवाला जाम का नया हाट स्पाट बन चुका है। सामान्य दिनों में भी यहां सुबह, दोपहर व शाम को भीषण जाम रहता है, लेकिन वीकेंड पर अब पूरा दिन ही जाम लगने लगा है। शनिवार को सुबह से रात तक इस मार्ग पर वाहन रेंगते रहे। यही नहीं, निरंजनपुर मंडी से कमला पैलेस तक का 500 मीटर का भाग भी जाम में फंसा रहा।

होमगार्ड के भरोसे शहर का यातायात

शहर को यातायात जाम से मुक्ति दिलाने के लिए योजनाएं तो कई बनाईं, लेकिन धरातल पर सभी धराशायी हो गईं। हाल यह है कि कभी भी शहर में कहीं भी जाम लग जाता है। शनिवार को भी आमजन को हर तरफ जाम का सामना करना पड़ा। वाहनों की लंबी कतार के बीच फंसे लोग निश्चत समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए। चौराहों पर यातायात संचालन का काम होमगार्डों के भरोसे पर छोड़ दिया गया।

जोगीवाला में समस्या नहीं हो पा रही दूर

राजधानी में यातायात के एसपी व यातायात निदेशक होने के बावजूद जोगीवाला में लगने वाले जाम का समाधान नहीं निकाला जा रहा है। मोहकमपुर फ्लाईओवर से वाहन अपनी स्पीड में आते हैं, लेकिन जोगीवाला चौक के आसपास जाम के कारण घंटों फंस जाते हैं। जाम की स्थिति में यातायात पुलिस कुछ कर्मचारियों को भेज जाम खुलवाने का प्रयास करती है, लेकिन इसके स्थायी समाधान पर कोई योजना तैयार नहीं की जा रही है।

सड़क पर कम ही दिखती है सीपीयू व यातायात पुलिस

यातायात की समस्या दूर करने के लिए सिटी पेट्रोलिंग यूनिट (सीपीयू) का गठन किया था, लेकिन जाम के समय सीपीयू व यातायात पुलिस दोनों ही गायब रहते हैं। अधिकतर यातायात पुलिसकर्मियों व होमगार्ड की ड्यूटी भी क्लेंप भी लगाई जा रही है। क्लेंप की कार्रवाई भी उन जगहों पर की जा रही है, जहां जाम नहीं लगता। सुभाष रोड, प्रिंस चौक, घंटाघर, दर्शनलाल चौक, लालपुल से कारगी चौक की तरफ क्लेंप की कार्रवाई ना के बराबर होती है।

बाईपास से भी नहीं मिल पा रही है राहत

हरिद्वार बाईपास के चौड़ीकरण के बाद लग रहा था कि रिस्पना पुल से आइएसबीटी जाने वाले वाहनों को जाम में नहीं फंसना पड़ेगा, लेकिन यहां भी स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। कई जगह काम चलने और अवैध ढंग से वाहन पार्क होने के कारण बाईपास रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है। कारगी चौक से आइएसबीटी और कारगी चौक से मोथराेवाला चौक तक तो हर समय जाम की समस्या से जूझना पड़ता है।

मसूरी में शत प्रतिशत कमरे फुल, आगे की भी बुकिंग

मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि मसूरी के होटलों में शत प्रतिशत तक कमरे फुल हैं। जिससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हर तबके को काम मिल रहा है। अग्रवाल ने बताया कि रविवार को बड़ी संख्या में बुकिंग रही। अगले वीकेंड के लिए भी अभी तक 80 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है। बता दें कि मसूरी में लगभग 350 होटल एवं गेस्ट हाउस हैं, जिनमें करीब 25 हजार पर्यटक ठहर सकते हैं। वहीं, धनोल्टी, काणाताल, बुरांशखंडा तथा कैम्पटी में भी 50 से अधिक होटल व गेस्ट-हाउस हैं।

एनसीआर, पंजाब व यूपी के सर्वाधिक पर्यटक

सबसे अधिक बुकिंग एनसीआर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी के कई शहरों के पर्यटकों की है। अधिकांश होटलों में पर्यटकों ने एडवांस बुकिंग कराई हुई थी। कैम्पटी और धनोल्टी में भी बड़ी संख्या में पर्यटकों ठहरे हुए हैं।

कहां गई पुलिस-प्रशासन की शटल सेवा

मसूरी में जाम नियंत्रण व भीड़ प्रबंधन को लेकर पुलिस-प्रशासन ने इस बार शटल सेवा संचालित करने का दावा किया था, लेकिन यह दावा फेल हो गया। मसूरी में रोजाना सुबह से रात तक जाम लग रहा, लेकिन शटल सेवा के संचालन को लेकर कोई रूचि नहीं दिखा रहा। तय हुआ था कि अगर मसूरी में जाम होगा तो देहरादून शहर के कुठालगेट से पर्यटकों के वाहन पार्किंग में खड़े कर उन्हें शटल सेवा से भेजा जाएगा। इसके बाद मसूरी के बीच मार्ग और किंक्रेग से भी शटल सेवा के संचालन का दावा हुआ, लेकिन शटल सेवा कहीं नहीं दिख रही।

मसूरी समेत शहर में जाम से निबटने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। मसूरी में आवश्यकता पड़ने पर गज्जी बैंड से हाथी पांव मार्ग, मलिंगार चौक से मार्ग परिवर्तन करने पर भी विचार किया जाएगा। भीड़ नियंत्रण को लेकर कार्य-योजना बनाई जा रही है। मसूरी जाने वाले वाहनों को शहर के बीच से न निकालकर जीएमएस रोड से कैंट होते हुए भेजा जा रहा है। – अजय सिंह, एसएसपी देहरादून