देवघर: त्रिकुट पहाड़ के रोपवे में रात भर फंसे 48 पर्यटकों को सकुशल नीचे उतारने के बीच एक हादसा हो गया। सोमवार शाम करीब पौने छह रेस्क्यू करने के प्रयास में एयरलिफ्ट करने के दौरान एक पर्यटक का सेफ्टी बेल्ट खुल गया। हालांकि इसके बावजूद कमांडो उसके हाथ को पकड़ उसे हेलीकॉप्टर के अंदर खींच रहा था, लेकिन इस दौरान हाथ छूटने से 48 वर्षीय उक्त पर्यटक करीब डेढ़ हजार फीट गहरी खाई में जा गिरा।
हादसे के बाद त्रिकुट पर्वत पर अफरा-तफरी मच गई। गौरतलब है कि शाम ढलती देख पांच बजे के बाद से सेना ने बचाव कार्य को और तेज कर दिया था। दो हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को बचाया जा रहा था, लेकिन इसी बीच यह हादसा हो जाने की वजह से स्थिति एक बार फिर चुनौतीपूर्ण हो गई है।
गौरतलब है कि अब भी करीब 14 लोगों को बचाया जाना बाकी है। रविवार की शाम हुए हादसे के करीब 25 घंटे बाद अबतक 33 लोगों को केबिन से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
त्रिकुट पहाड़ पर प्रशासनिक अमला का जुटान, एडीजी समेत आपदा प्रबंधन सचिव पहुंचे: बढ़ते समय के साथ लोगों को बचाने का प्रयास भी तेज हो गया है। सोमवार की शाम करीब 4 बजे त्रिकुट रोप वे पर एडीजी आरके मल्लिक नीरज सिन्हा, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और पर्यटन विभाग के एमडी राहुल कुमार सिन्हा पहुंचे हैं। इन्होंने उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री से बात कर स्थिति का जायजा लिया और विभिन्न दिशा-निर्देश दिए।
वहीं रेस्क्यू के बाद लोगों को एंबुलेंस से देवघर स्थित सदर अस्पताल लाया जा रहा है। यहां सभी का प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया गया है। शाम करीब सवा चार बजे रेस्क्यू के बाद दो महिला व दो पुरुषों को सदर अस्पताल लाया गया। ये सभी बंगाल के मालदा के रहे वाले हैं। बचाए गए विनय कुमार शर्मा की कमर में चोट है, जबकि अन्य डिहाइड्रेशन के शिकार हैं। इससे पहले ट्रॉली में फंसी 10 साल की बच्ची डॉली कुमारी को दोपहर करीब ढाई बजे इलाज के लिए त्रिकुट पहाड़ से सदर अस्पताल लाया गया। बच्ची घटना को लेकर डरी-सहमी है।
सदर अस्पताल में चिकित्सक ने बच्ची की जांच की। चिकित्सक डॉ संजय कुमार ने बताया कि बच्ची डिहाइड्रेशन व लू की शिकार है। हल्का बुखार भी है। घटना के बारे में बात करते हुए बच्ची ने बताया कि रातभर वह डरी- सहमी रही। सुबह पानी और खाने के लिए बिस्कुट मिला।
वहीं दोपहर करीब दो बजे चार लोगों को सदर अस्पताल लाया गया था। इनमें एक महिला और तीन युवक शामिल हैं। महिला झूमा पाल समेत सौरभ दास व देवांग जय पाल बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले हैं, जबकि वकील कुमार महतो बिहार के दरभंगा सिंघवारा के निवासी हैं। सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है।