श्रीलंका में गुस्साई भीड़ ने मंत्रियों के घरों में लगाई आग, स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा अमेरिका
कोलंबो। श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट के कारण सब कुछ तितर-बितर हो गया है। पिछले कुछ दिनों में सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध अब चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को निवर्तमान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद देश भर में सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने हमला बोल दिया। पीएम के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद गुस्साई भीड़ ने मेदामुलाना, हंबनटोटा में राजपक्षे परिवार के पैतृक घर को आग लगा दी। यही नहीं बेकाबू प्रदर्शनकारियों ने कई नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया, जिसपर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह प्रदर्शनकारियों द्वारा मंत्रियों के घरों को जलाने के बाद श्रीलंका में अस्थिर स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
आर्थिक संकट की मार से बेकाबू हुए प्रदर्शनकारी
श्रीलंका इस वक्त बुरे दौर से गुजर रहा है। देश के हालात बदतर स्थिति में हैं। भोजन और ईंधन की कमी, बिजली कटौती और बढ़ती कीमतों ने बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित किया है। आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके कारण लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध इतना बढ़ गया कि सोमवार को बेकाबू भीड़ ने कई मंत्रियों के घर तब चला डालें।
अमेरिका ने ट्वीट कर कहा
श्रीलंका की खराब स्थिति को देखते हुए अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के राज्य विभाग ब्यूरो ने ट्वीट कर कहा, ‘श्रीलंका में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और निर्दोष दर्शकों के खिलाफ हिंसा से बहुत चिंतित हैं, और सभी श्रीलंकाई लोगों से देश की आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों के दीर्घकालिक समाधान खोजने और सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह कर रहे हैं।’