मुख्यमंत्री का ऐलान, सीबीआई करेगी पुलिस पेपर लीक मामले की जांच; जांच में कोई शंका नहीं चाहती सरकार
शिमला
प्रदेश के इतिहास के सबसे चर्चित पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। कांगड़ा दौरे से लौटे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने सरकारी निवास ओवर में प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो कारणों से यह मामला सीबीआई को देना पड़ रहा है। हालांकि पुलिस की एसआईटी ने अब तक अच्छा काम किया है। पहली वजह यह है कि अब तक इस केस में 10 लोग प्रदेश से बाहर के गिरफ्तार हुए हैं और मनी चेन भी राज्य के बाहर है। हिमाचल पुलिस के लिए जांच की स्थिति में ज्यूरिडिक्शन का मसला आएगा। दूसरी वजह यह है कि पुलिस का ही पेपर लीक हुआ है और पुलिस ही जांच करे, इस पर कुछ सवाल उठ रहे थे। राज्य सरकार नहीं चाहती कि इस मामले में किसी भी शंका को महत्त्व दिया जाए, इसलिए यह केस सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया गया है। जयराम ठाकुर ने बताया कि इस पूरे मामले में अब तक एसआईटी ने 73 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 38 कैंडिडेट हैं। इनमें से 10 लोग प्रदेश से बाहर के हैं। सोमवार को ही एसआईटी को इस पेपर लीक मामले के दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है, जिसमें शिव बहादुर सिंह को वाराणसी से और अमन नामक व्यक्ति को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। दोनों ही राज्यों की पुलिस ने भी इसमें सहयोग दिया है।
अब तक साढ़े 8.49 लाख कैश और कुछ कैंडिडेट के ओरिजिनल सर्टिफिकेट भी रिकवर हुए हैं। एक स्विफ्ट डिजायर कार 15 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी एसआईटी ने जब्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक सीबीआई इस केस को अपने पास नहीं लेती, तब तक एसआईटी काम करती रहेगी। हालांकि अब तक एसआईटी यह बताने में नाकाम रही है कि यह पेपर कहां से लीक हुआ? मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस सवाल के जवाब में कहा कि बहुत जल्द यह भी पता लग जाएगा कि लीकेज कहां से हुई थी? क्या सीबीआई जांच के दायरे में पुलिस अधिकारी भी होंगे? इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई जांच का दायरा खुला है और जो भी जांच एजेंसी उचित समझे, वह अपना केस आगे बढ़ा सकती है। मुख्यमंत्री के साथ प्रेस वार्ता में दो कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और सुरेश भारद्वाज भी मौजूद थे।
किसी और एजेंसी को दी जा सकती है भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि लिखित परीक्षा को दोबारा करने को लेकर सरकार ने प्रक्रिया हालांकि शुरू कर दी है, लेकिन कुछ मॉडेलिटी दोबारा से तय हो रही है। दोबारा परीक्षा पुलिस से ही करवाई जाएगी या किसी और एजेंसी से, इस पर भी सरकार विचार कर रही है। सरकार नहीं चाहती कि दोबारा से इस भर्ती को लेकर कोई विवाद हो।
26 मई को हाई कोर्ट में तय है सुनवाई
पुलिस भर्ती पेपर लीक के मामले में हिमाचल हाई कोर्ट में भी सुनवाई 26 मई को निर्धारित की गई है। इस मामले में कुछ अभ्यर्थी सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट गए हैं। हालांकि इस केस में अभी तक राज्य सरकार को कोर्ट से कोई नोटिस नहीं हुआ है, लेकिन सुनवाई के लिए केस 26 मई को लगा है। इससे पहले राज्य सरकार ने अब मामला खुद ही सीबीआई को देने का फैसला ले लिया है।