फरीदाबाद की एक ऐसी झील जिसका नाम शुरू होता है मौत से, जानिए यहां की रहस्यमयी कहानी
डेथ वैली लेक वास्तव में देखने लायक है। यह मानव द्वारा बनाई गई झील है, जिसके पानी की कुछ रहस्यमयी कहानियां हैं। इस झील में अक्सर ही किसी न किसी की मौत की खबरें आती रहती हैं, इसलिए इसे खूनी झील कहा जाता है।आपने भारत की कई झीलों के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी झील के बारे में बताएंगे , जिसके बारे में सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोग इसे अभिशाप कहते हैं, तो कुछ इसे चमत्कार। लेकिन सच्चाई यह है कि फरीदाबाद की डेथ वैली शहर में बचे एकमात्र ईकोसिस्टम में से एक है, जो लोगों को शांति प्रदान करती है। फरीदाबाद के सूरजकुंड में स्थित डेथ वैली सात खानों का एक संग्रह है , जो बाद में नेचुरल क्रिस्टल वॉटर से भर दी गई। झील काफी गहरी है और यहां तैरना बैन है। दुर्भाग्य से, इस स्थान पर कई घटनाएं हुई हैं, इसलिए इस स्थान की यात्रा करते समय पर्यटकों को बेहद सावधान रहने की सलाह दी जाती है। एक नीजि संपत्ति होने के कारण इसे हमेशा लोगों की नजरों से दूर रखा गया। लेकिन अब इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। यहां जीवों से भरपूर इस घाटी में राजपूत काल की ऐतिहासिक संरचनाओं के खंडहर भी देखने को मिलेंगे। स्थानीय लोगों के लिए अब यह जगह एक शानदार पिकनिक स्पॉट बन गई है।
मिस्टिरयस क्रिस्टल ब्लू डेथ वैली का इतिहास वैली में से एक खूनी झील के नाम से मशहूर इस लेक को भारद्वाज झील के नाम से भी जाना जाता है। खूनी झील कहलाने वाली इस झील के नाम के पीछे एक लंबी कहानी है। झील नीले पानी से भरी हुई है, जो लोगों को आकर्षित करती है। आपको बता दें, 1991 में यहां खुदाई हुई थी, वो खुदाई भू जल को छू गई और बाद में ये प्राकृतिक झील बन गई। मुख्य रूप से झील में रहस्यमयी मौतों के कारण इसका नाम डेथ वैली नाम पड़ा। झील काफी गहरी है लेकिन इसके बावजदू भी इसके चारों ओर न कोई गार्ड रहते हैं और न ही कोई सुरक्षा सावधानी बरती जती है। लेकिन फिर भी ये दिल्लीवासियों के लिए दोस्तों और परिवार के साथ वीकेंड बिताने के लिए सबसे सुंदर डेस्टीनेशन में से एक है। यदि आप दिल्ली के आसपास के डिस्को, नाइट लाइफ और ऐतिहासिक स्मारकों से ऊब चुके हैं, तो इस बार फरीदाबाद की डेथ वैली के अलावा आसपास की जगहों की भी यात्रा कर सकते हैं।सूरजकुंड झील फरीदाबाद में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। इस झील का निर्माण तोमर वंश के शासक सूरज पाल ने किया था। वे भगवान सूर्य के बहुत बड़े भक्त थे। यहां हर साल फरवरी के पहले पखवाड़े में अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला आयोजित किया जाता है। आप नृत्य और संगीत सहित भारतीय पारंपरिक हस्तशिल्प , हथकरघा और लोककला का बेहतरीन प्रदर्शन देख सकते हैं। धौज झील एडवेंचर को पसंद करने वाले लोगों की पसंदीदा है। यह जगह रॉक क्लांबिंग और ट्रैकिंग जैसे एडवेंचर स्पोट्र्स के लिए फेमस है। अरावली के बीच प्राकृतिक रूप से बनी इस झील की सुंदरता देखने लायक है। यहां पर पर्यटक पिकनिक के साथ कैंपिंग का भी मजा ले सकते हैं। बरसात के मौसम में या फिर मानसून के ठीक बाद यहां जरूर जाना चाहिए। इस समय आपको यहां के बढ़े हुए जलाशय के नजारों को आनंद लेने का मौका मिलेगा। दुर्भाग्य से गर्मी के मौसम में झील सूख जाती है, इसलिए इस मौसम में यहां जाने से बचना चाहिए।नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम फरीदाबाद में घमूने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। क्रिकेट लवर्स को यह काफी आकर्षित करता है। सन् 1857 के प्रसिद्ध इंडियन रिबेलियन के नाम पर स्टेडियम को 1981 में 6 सेंटर और 3 प्रेक्टिस पिचों और 25 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता के साथ बनाया गया था।