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दुनिया के कई देश इस समय कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। कुछ जगह इंसानी ट्रायल शुरू भी हो गए हैं पर अब रूस ने इस मामले में बाजी मार ली है। मॉस्को की सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने कोरोना की पहली वैक्सीन का सफलतापूर्वक ट्रायल पूरा करने का दावा किया है। रूसी न्यूज एजेंसी ने एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी। रूस की गमलेई इंस्टीट्यूट ऑफ एमिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने यह वैक्सीन तैयार की थी।
सेचेनोव यूनिवर्सिटी में वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा था। वैक्सीन की लास्ट स्टेज का ट्रायल यह दिखाने के लिए था कि इंसानों के लिए यह कितनी सुरक्षित है। रिसर्चर्स के मुताबिक सभी स्टेज में वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है। यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासाइटोलॉजी के डायरेक्टर अलेक्जेंडर लुकाशेव ने कहा कि डेवलपर ने आगे के वैक्सीन डेवलपमेंट का प्लान बना लिया है। अब वायरस के रेगुलेटरी अप्रूवल के बाद इसका प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा। लुकाशेव ने कहा कि प्रॉडक्शन बढ़ाने की संभावनाओं पर भी बात चल रही है। सबकुछ ठीक रहा तो दो से तीन महीने में वैक्सीन का प्रॉडक्शन शुरू हो सकता है। हालांकि रूसी ट्रायल पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं जिसे देखते हुए इसके अप्रूवल में देरी हो सकती है। रूस ने वैक्सीन डेवलप करने का दावा तो कर दिया है मगर यह साफ नहीं किया कि वैक्सीन उपलब्ध वैâसे कराई जाएगी। ट्रायल में सिर्फ ३८ वॉलंटियर्स के यूज पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में यह हो सकता है कि इस्तेमाल के लिए अप्रूव होने से पहले और रिसर्च की जरूरत पड़े। अगर वैक्सीन का यह प्रोटोटाइप अप्रूव हो जाता है तो यह दुनिया में उपलब्ध पहली कोरोना वायरस वैक्सीन होगी। फिर रूस वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर नियम बना सकता है। चूंकि सारे वैक्सीन डेवलपमेंट प्रोग्राम्स को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन मॉनिटर कर रहा है, इस वजह से भी वैक्सीन का जल्द ग्लोबल अप्रूवल मुश्किल है। लुकाशेव ने कहा कि वैक्सीन का आखिरी ट्रायल इसकी इंसानों पर सेफ्टी जांचने के लिए ही किया गया था। उन्होंने एजेंसी से कहा, ‘वैक्सीन की सेफ्टी कन्फर्म है। यह उन वैक्सीन जितनी ही सुरक्षित है जो अभी बाजार में हैं।’ रूसी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल पहले फेज में जिन १८ वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई थी, उन्हें १५ जुलाई को डिस्चार्ज किया जाएगा। २३ जून को जिन २० वालंटियर्स को वैक्सीन डोज मिली, वे २० जुलाई को डिस्चार्ज होंगे। रूसी यूनिवर्सिटी के मुताबिक सारे वालंटियर्स स्वस्थ हैं।