हनोई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हनोई में वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फाम वान गियांग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। राजनाथ सिंह इस समय वियतनाम की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।
10 जून तक वियतनाम में रहेंगे रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के निमंत्रण पर वियतनाम की आधिकारिक यात्रा पर गए हैं। वह आठ जून से 10 जून तक वियतनाम में रहेंगे। सिंह ने अपनी यात्रा की शुरुआत हनोई में दिवंगत राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की समाधि पर श्रद्धांजलि देकर की।
रक्षा सहयोग की होगी समीक्षा
राजनाथ सिंह की वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा करेंगे और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई पहल का पता लगाएंगे। दोनों मंत्री साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। रक्षा मंत्री का वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
हाई-स्पीड गार्ड बोट वियतनाम को सौंपेगा भारत
हाई फोंग में हांग हा शिपयार्ड में, सिंह वियतनाम को भारत सरकार की 100 मिलियन अमरीकी डालर की रक्षा लाइन आफ क्रेडिट के तहत निर्मित 12 हाई-स्पीड गार्ड बोट के सौंपने के समारोह की अध्यक्षता करेंगे। यह परियोजना वियतनाम के साथ बढ़ते रक्षा उद्योग सहयोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
भारतीय समुदाय से बातचीत करेंगे रक्षा मंत्री
यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री दूरसंचार विश्वविद्यालय सहित न्हा ट्रांग में वियतनाम के प्रशिक्षण संस्थानों का भी दौरा करेंगे, जहां भारत सरकार से 5 मिलियन अमरीकी डालर के अनुदान के साथ एक आर्मी साफ्टवेयर पार्क स्थापित किया जा रहा है। वह भारतीय दूतावास, हनोई द्वारा आयोजित एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे और वियतनाम में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेंगे।
भारत-वियतनाम राजनयिक संबंधों की स्थापना के हुए 50 साल
भारत और वियतनाम 2016 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। मंत्रालय ने कहा कि वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। भारत-वियतनाम राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और भारत की आजादी के 75 साल के ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री की यात्रा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी।