Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान में कांग्रेस के सुरजेवाला, वासनिक व प्रमोद तिवारी और भाजपा के घनश्याम जीते, बीजेपी एमएलए शोभारानी निलंबित
प्रशांत बख्शी/ जयपुर
Rajya Sabha Election 2022 राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में राजस्थान से तीन पर कांग्रेस और एक पर भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। रणदीप सिंह सुरजेवाला मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी के साथ ही भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए
जयपुर। राजस्थान में तीन पर कांग्रेस और एक पर भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक व प्रमोद तिवारी और भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए हैं। इस बीच, भाजपा की विधायक शोभारानी कुशवाह ने क्रास वोटिंग करते हुए पार्टी द्वारा तय उम्मीदवार के बजाय कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया। पार्टी ने उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को वोट देने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने पार्टी नेतृत्व के निर्देश नहीं माना। इस बीच, भाजपा विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कुशवाह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। उन्हें सात दिन में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का समय दिया गया है। यदि इस दौरान वह पार्टी के समय स्थिति स्पष्ट नहीं करती है तो उन्हे निष्कासित कर दिया जाएगा। कटारिया ने कहा कि पार्टी के निर्णय के विरुद्ध तिवारी को वोट देना अनुशासन का उल्लंघन है। कांग्रेस के विधायक परसराम मोरदिया का वोट खारिज कर दिया गया है। मोरदिया ने कांग्रेस उम्मीदवार मुकुल वासनिक को वोट देते समय मतपत्र पर एक, दो, तीन लिखने के बजाय सही का निशान लगा दिया।
कांग्रेस में गहलोत मजबूत हुए, भाजपा में आंतरिक राजनीति तेज हुई
राजस्थान से राज्यसभा की चार सीटों के चुनाव में कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने एक सीट जीती है। राज्यसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर मजबूत होकर उभरे हैं। कांग्रेस और उसके समर्थक निर्दलीय एवं अन्य पार्टियों के विधायकों में सेंधमारी की आशंका के चलते गहलोत ने विधायकों को पहले नौ दिन तक उदयपुर के एक रिसोर्ट में और एक दिन जयपुर के एक होटल में रखा। खुद ने विधायकों के साथ व्यक्तिगत संवाद किया। विधायकों की नाराजगी दूर की। गहलोत की रणनीति का ही परिणाम रहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों को कुल 126 वोट मिले। उधर, भाजपा ने जयपुर के एक रिसोर्ट में चार दिन तक अभ्यास वर्ग के नाम पर विधायकों की बाड़ेबंदी की। प्रत्येक विधायक के साथ वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन फिर भी भाजपा की विधायक शोभारानी कुशवाह ने क्रास वोटिंग करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में वोट दिया। भाजपा विधायक द्वारा क्रास वोटिंग करने से पार्टी की आंतरिक राजनीति में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा नेता अनौपचारिक तौर पर कह रहे हैं कि शोभारानी से कांग्रेस के नेता पहले से ही सम्पर्क थे। इस बात की जानकारी प्रदेश भाजपा के कुछ नेताओं को थी, लेकिन उन्होंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। पार्टी ने उन्हे निलंबित कर दिया।
सीएम अशोक बने पोलिंग एजेंट
कांग्रेस सेंधमारी को लेकर कितनी आशंकित थी इस बात का अंदाजा गहलोत के पोलिंग एजेंट बनने से ही लगाया जा सकता है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई सीएम अपनी पार्टी का पोलिंग एजेंट बना हो। शुक्रवार सुबह सीएम होटल लीला से बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों को अपने साथ लेकर विधानसभा पहुंचे । पहले सीएम ने मतदान किया और फिर छह विधायकों ने वोट डाले । कांग्रेस ने रणनीति के तहत ऐसा किया। पार्टी को उम्मीद थी कि इन छह विधायकों के मतदान पर रोक को लेकर शुक्रवार सुबह सर्वोच्च न्यायलय में सुनवाई हो सकती है। न्यायालय कोई निर्णय कर सकता है। ऐसे में पहले ही मतदान किया गया।
बीटीपी विधायकों ने नहीं माना व्हिप
भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दोनों विधायकों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम का व्हिप नहीं माना। वेलाराम ने कांग्रेस और भाजपा को वोट नहीं देने की बात कही थी, लेकिन पार्टी के दोनों विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने व्हिप मानने से इन्कार करते हुए कांग्रेस को वोट दिया। माकपा के दोनों विधायकों ने कांग्रेस को वोट दिया। निर्दलीय और अन्य पार्टियों के विधायकों के साथ होटल से लेकर मतदान करवाने तक सरकार के मंत्री और गहलोत के विश्वत विधायक साथ थे।यह है वोटों का गणित
घोषित परिणाम के अनुसार कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला को 43,मुकुल वासनिक को 42 और प्रमोद तिवारी को 42 वोट मिले। वहीं, भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को 43 एवं निर्दलीय सुभाष चंद्रा को 30 वोट मिले । 200 सदस्यी विधानसभा में कांग्रेस के 109,13 निर्दलीय,बीटीपी और माकपा के दो-दो वोट एक साथ थे । वहीं भाजपा के 71 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक (आरएलपी) के तीन वोट अलग थे । इस तरह कांग्रेस के कुल 126 वोट थे । भाजपा ने तिवाड़ी के लिए 43 वोट तय किए थे । वहीं शेष 27 चंद्रा को दिए गए । आरएलपी के तीन वोट भी चंद्रा को मिले ।
शोभारानी नहीं मान रही थी निर्देश
क्रास वोटिंग करने वाली भाजपा विधायक शोभारानी पार्टी नेतृत्व के निर्देश नहीं मान रही थी। वह अभ्यास वर्ग में चार दिन बाद नेताओं के कई बार बुलाने पर बृहस्पतिवार को पहुंची । उन्हे एक अन्य महिला विधायक चंद्रकांता मेघवाल के साथ रिसार्ट के कमरे में रहने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने साथ रहने से इन्कार कर दिया। सूत्रों के अनुसार वह पूरी रात मोबाइल के माध्यम से किसी से बातचीत करती रही । मतदान से पहले भी उन्होंने कई बार मोबाइल पर बात की। शोभारानी के पति हत्या के मामले में जेल में बंद है।