पाकिस्तान में सरकार की आलोचना करने पर पत्रकारों को बनाया जा रहा निशाना, सेना प्रमुख बाजवा पर लगे गंभीर आरोप
पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित मीडिया वाचडाग रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स (RSF) ने पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के आलाकमान को मीडिया के और उत्पीड़न के प्रति आगाह किया है। आरएसएफ ने कहा कि यह पाकिस्तानी लोकतंत्र को गंभीर रूप से कमजोर करेगा। अप्रैल के अंत में शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पाकिस्तानी अधिकारियों ने सेना से संबंधित एजेंसियों द्वारा पत्रकारों को डराने-धमकाने के नौ मामले दर्ज किए हैं।
पत्रकारों ने राजनीति में सेना की भूमिका की आलोचना की
आरएसएफ एशिया-पैसिफिक डेस्क के प्रमुख डेनियल बास्टर्ड ने कहा, ‘पिछले दो महीनों में आरएसएफ द्वारा दर्ज किए गए उत्पीड़न के कई मामलों में एक बात समान है। सभी संबंधित पत्रकारों ने किसी न किसी तरह से पाकिस्तानी राजनीति में सेना की भूमिका की आलोचना की है।
पत्रकारों को डराने के लिए शुरू किया गया अभियान
डेनियल बास्टर्ड ने कहा, ‘आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सशस्त्र बलों ने महत्वपूर्ण पत्रकारों को डराने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस तरह का हस्तक्षेप, जो बिल्कुल असहनीय है, एक बार में बंद होना चाहिए। नहीं तो सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा (Pakistan Army Chief General Qamar Javed Bajwa) को पाकिस्तान में प्रेस की स्वतंत्रता में गिरावट के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा।’