लखनऊ। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पहले 100 दिन पूरे करने के बाद दूसरे 100 पूरे करने की ओर अग्रसर है। ऐसे में प्रदेश सरकार का किसानों (Farmer) को लेकर विशेष फोकस है। अब सरकार ने किसानों को ऋण देनी वाली 7479 समितियों को कंप्यूटराइज्ड करने का फैसला लिया है।
केन्द्र और प्रदेश सरकार वहन करेगी खर्च
-किसानों को ऋण देने वाली 7479 कृषि ऋण सहकारी समितियों यानी पैक्स का कंप्यूटरीकरण होगा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। इसमें 60 प्रतिशत धन केंद्र सरकार व 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
-राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने कृषि ऋण सहकारी समितियों यानी पैक्स का चरणबद्ध तरीके से कंप्यूटरीकरण करने का निर्णय लिया है।
-इसके तहत पहले साल में 2022- 23 में 1500 पैक्स, 2023-24 में 2900 पैक्स और तीसरे साल 2024-25 में 3000 से अधिक पैक्स का कंप्यूटराइजेशन किया जाएगा।
-अहम परियोजना का कार्यान्वयन और निगरानी करने के लिए राज्य स्तर पर सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा।
-समितियों को चरणबद्ध तरीके से जिला सहकारी बैंक, उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक आदि से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को ऋण देने के अलावा खाद आदि की बिक्री में पारदर्शिता रहेगी।
-योजना के तहत साफ्टवेयर साइबर सुरक्षा डाटा स्टोरेज ट्रेनिंग और परियोजना निगरानी इकाई सपोर्ट सिस्टम पर होने वाला खर्च केंद्र सरकार और नाबार्ड की ओर से खर्च किया जाएगा।
-केंद्र सरकार कामन साफ्टवेयर से सभी को जोड़ेगी। हर बीस समितियों पर नाबार्ड एक कर्मचारी की तैनाती करेगा जो पूरे कार्य की देखरेख करेगा।