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अब आपके मुजफ्फरनगर में ही है कॉलेज की बिल्डिंग का नजारा तो दिल्ली और चंडीगढ़ में क्यों बच्चा जाए आपका दोबारा
स्वच्छता के माध्यम से कॉलेज में कैंटीन को लेकर कुछ इस तरह इंतजाम है कि मानो की बिल्कुल घर जैसा खाना पीना मिलता है
यह वह हाल है जहां एलएलबी के छात्र वकीलों की तरह अभ्यास करते हैंl
यह पूरी खबर
बैन के खतरे के बीच PUBG ने भारत के लिए अपनी प्राइवेसी पॉलिसी बदल डाली है
PUBG मोबाइल ने इंडिया के लिए प्राइवसी पॉलिसी अप्डेट कर दी है. (फ़ोटो: PUBG मोबाइल)
इधर जब PUBG Mobile के बैन होने न होने पर सोशल मीडिया पर पूरी गर्म-जोशी के साथ बहस चल रही थी, तब PUBG ने इंडिया के लिए अपनी प्राइवसी पॉलिसी ही बदल डाली. गेम चालू करते ही ऐप बताती है कि देखो भइया, हमने अभी-अभी इंडिया के लिए अपनी प्राइवसी पॉलिसी अपडेट की है.
आगे बढ़ने पर बड़ा लम्बा सा फर्रा खुलता है. ऊपर PUBG की प्राइवसी पॉलिसी की समरी या सारांश है और नीचे पूरी की पूरी की पॉलिसी. PUBG मोबाइल बताता है कि ये आपकी जानकारी को कहां रखता है और कैसे यूज़ करता है.
नई प्राइवसी पॉलिसी के पीछे बैन का है डर?
इस साल जून के आखिर में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 57 चायनीज़ ऐप्स पर बैन लगा दिया. क्यों? प्राइवसी और डेटा सिक्योरिटी के चलते. हाल ही में सरकार ने 47 और ऐप्स पर बैन लगा दिया है. इनकी लिस्ट नहीं दी गई. हालांकि, बताया गया कि ये पहले से बैन की हुई चायनीज़ ऐप्स की लाइट वर्ज़न या फिर क्लोन थीं.साथ ही साथ ये ख़बर भी आई कि सरकार 275 दूसरी ऐप्स की जांच कर रही है. इनमें PUBG मोबाइल भी शामिल है. ‘PUBG मोबाइल’ के चाइना कनेक्शन और प्राइवसी पॉलिसी पर सवाल उठे. ऐसे में पब्जी ने अपनी पॉलिसी में बदलाव कर दिया.आपकी कौनसी जानकारी PUBG के पास है?
गेम में अपनी प्रोग्रेस सेव करने के लिए आपको PUBG मोबाइल के साथ अकाउंट बनाना होता है. इसके लिए आपको कुछ जानकारी देनी होती है, जैसे कि अपना नाम, ईमेल आईडी. अगर आप अकाउंट बनाने के लिए फ़ेसबुक, ट्विटर या गूगल प्ले का इस्तेमाल करते हैं तो आपका नाम, प्रोफ़ाइल पिक्चर, फ़्रेंड लिस्ट, और यूज़र आईडी PUBG मोबाइल के साथ शेयर होती है.
होम|न्यूज़ |क्या चल रहा है?
बैन के खतरे के बीच PUBG ने भारत के लिए अपनी प्राइवेसी पॉलिसी बदल डाली है
PUBG मोबाइल ने इंडिया के लिए प्राइवसी पॉलिसी अप्डेट कर दी है. (फ़ोटो: PUBG मोबाइल)
इधर जब PUBG Mobile के बैन होने न होने पर सोशल मीडिया पर पूरी गर्म-जोशी के साथ बहस चल रही थी, तब PUBG ने इंडिया के लिए अपनी प्राइवसी पॉलिसी ही बदल डाली. गेम चालू करते ही ऐप बताती है कि देखो भइया, हमने अभी-अभी इंडिया के लिए अपनी प्राइवसी पॉलिसी अपडेट की है.
आगे बढ़ने पर बड़ा लम्बा सा फर्रा खुलता है. ऊपर PUBG की प्राइवसी पॉलिसी की समरी या सारांश है और नीचे पूरी की पूरी की पॉलिसी. PUBG मोबाइल बताता है कि ये आपकी जानकारी को कहां रखता है और कैसे यूज़ करता है.
नई प्राइवसी पॉलिसी के पीछे बैन का है डर?
इस साल जून के आखिर में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 57 चायनीज़ ऐप्स पर बैन लगा दिया. क्यों? प्राइवसी और डेटा सिक्योरिटी के चलते. हाल ही में सरकार ने 47 और ऐप्स पर बैन लगा दिया है. इनकी लिस्ट नहीं दी गई. हालांकि, बताया गया कि ये पहले से बैन की हुई चायनीज़ ऐप्स की लाइट वर्ज़न या फिर क्लोन थीं.
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नई पॉलिसी का नोटिफ़िकेशन दे रहा है PUBG मोबाइल.
साथ ही साथ ये ख़बर भी आई कि सरकार 275 दूसरी ऐप्स की जांच कर रही है. इनमें PUBG मोबाइल भी शामिल है. ‘PUBG मोबाइल’ के चाइना कनेक्शन और प्राइवसी पॉलिसी पर सवाल उठे. ऐसे में पब्जी ने अपनी पॉलिसी में बदलाव कर दिया.
आपकी कौनसी जानकारी PUBG के पास है?
गेम में अपनी प्रोग्रेस सेव करने के लिए आपको PUBG मोबाइल के साथ अकाउंट बनाना होता है. इसके लिए आपको कुछ जानकारी देनी होती है, जैसे कि अपना नाम, ईमेल आईडी. अगर आप अकाउंट बनाने के लिए फ़ेसबुक, ट्विटर या गूगल प्ले का इस्तेमाल करते हैं तो आपका नाम, प्रोफ़ाइल पिक्चर, फ़्रेंड लिस्ट, और यूज़र आईडी PUBG मोबाइल के साथ शेयर होती है.
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PUBG मोबाइल प्राइवसी पॉलिसी.
इसके अलावा गेम खेलते हुए PUBG मोबाइल के पास आपके आईपी ऐड्रेस के साथ-साथ डिवाइस आईडी और डिवाइस इन्फॉर्मेशन जाती है. जिसमें शामिल है— बैटरी लेवल, वाइफ़ाई स्ट्रेंथ, फ़ोन में कितनी RAM और स्टोरेज है, ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा है, कंट्री कोड क्या हैआदि आदि. PUBG ऐप के वर्जन और ऐप के चैट डेटा और इवेंट रजिस्ट्रेशन आदि की जानकारी तो पब्जी के पास होती ही है.
जानकारी कहां इस्तेमाल होती है?
PUBG मोबाइल का कहना है कि इस जानकारी को गेम सर्विस चलाने के लिए, अकाउंट वेरिफ़ाई करने, और सिक्योरिटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप गेम में कोई ख़रीद करते हो तब भी आपकी जानकारी का इस्तेमाल होता है. इसके साथ ही गेम में गड़बड़ी वग़ैरह को भी पहचानने के लिए होता है.
आपकी जानकारी कहां रखी जाती है?
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बैन के खतरे के बीच PUBG ने भारत के लिए अपनी प्राइवेसी पॉलिसी बदल डाली है
PUBG मोबाइल ने इंडिया के लिए प्राइवसी पॉलिसी अप्डेट कर दी है. (फ़ोटो: PUBG मोबाइल)
इधर जब PUBG Mobile के बैन होने न होने पर सोशल मीडिया पर पूरी गर्म-जोशी के साथ बहस चल रही थी, तब PUBG ने इंडिया के लिए अपनी प्राइवसी पॉलिसी ही बदल डाली. गेम चालू करते ही ऐप बताती है कि देखो भइया, हमने अभी-अभी इंडिया के लिए अपनी प्राइवसी पॉलिसी अपडेट की है.
आगे बढ़ने पर बड़ा लम्बा सा फर्रा खुलता है. ऊपर PUBG की प्राइवसी पॉलिसी की समरी या सारांश है और नीचे पूरी की पूरी की पॉलिसी. PUBG मोबाइल बताता है कि ये आपकी जानकारी को कहां रखता है और कैसे यूज़ करता है.
नई प्राइवसी पॉलिसी के पीछे बैन का है डर?
इस साल जून के आखिर में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 57 चायनीज़ ऐप्स पर बैन लगा दिया. क्यों? प्राइवसी और डेटा सिक्योरिटी के चलते. हाल ही में सरकार ने 47 और ऐप्स पर बैन लगा दिया है. इनकी लिस्ट नहीं दी गई. हालांकि, बताया गया कि ये पहले से बैन की हुई चायनीज़ ऐप्स की लाइट वर्ज़न या फिर क्लोन थीं.
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नई पॉलिसी का नोटिफ़िकेशन दे रहा है PUBG मोबाइल.
साथ ही साथ ये ख़बर भी आई कि सरकार 275 दूसरी ऐप्स की जांच कर रही है. इनमें PUBG मोबाइल भी शामिल है. ‘PUBG मोबाइल’ के चाइना कनेक्शन और प्राइवसी पॉलिसी पर सवाल उठे. ऐसे में पब्जी ने अपनी पॉलिसी में बदलाव कर दिया.
आपकी कौनसी जानकारी PUBG के पास है?
गेम में अपनी प्रोग्रेस सेव करने के लिए आपको PUBG मोबाइल के साथ अकाउंट बनाना होता है. इसके लिए आपको कुछ जानकारी देनी होती है, जैसे कि अपना नाम, ईमेल आईडी. अगर आप अकाउंट बनाने के लिए फ़ेसबुक, ट्विटर या गूगल प्ले का इस्तेमाल करते हैं तो आपका नाम, प्रोफ़ाइल पिक्चर, फ़्रेंड लिस्ट, और यूज़र आईडी PUBG मोबाइल के साथ शेयर होती है.
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PUBG मोबाइल प्राइवसी पॉलिसी.
इसके अलावा गेम खेलते हुए PUBG मोबाइल के पास आपके आईपी ऐड्रेस के साथ-साथ डिवाइस आईडी और डिवाइस इन्फॉर्मेशन जाती है. जिसमें शामिल है— बैटरी लेवल, वाइफ़ाई स्ट्रेंथ, फ़ोन में कितनी RAM और स्टोरेज है, ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा है, कंट्री कोड क्या हैआदि आदि. PUBG ऐप के वर्जन और ऐप के चैट डेटा और इवेंट रजिस्ट्रेशन आदि की जानकारी तो पब्जी के पास होती ही है.
जानकारी कहां इस्तेमाल होती है?
PUBG मोबाइल का कहना है कि इस जानकारी को गेम सर्विस चलाने के लिए, अकाउंट वेरिफ़ाई करने, और सिक्योरिटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप गेम में कोई ख़रीद करते हो तब भी आपकी जानकारी का इस्तेमाल होता है. इसके साथ ही गेम में गड़बड़ी वग़ैरह को भी पहचानने के लिए होता है.
आपकी जानकारी कहां रखी जाती है?
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PUBG मोबाइल प्राइवसी पॉलिसी.
PUBG मोबाइल का कहना है कि इसके सर्वर इंडिया, सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग, और अमेरिका में हैं. इंडियन यूज़र का डेटा इंडिया वाले सर्वर में स्टोर होता है. कंपनी का ये भी कहना है कि इसकी सपोर्ट, इंजिनियरिंग और दूसरी टीमें कई अलग-अलग देशों में बैठी हैं, जिनमे इंडिया भी शामिल है. इंडियन यूज़र के डेटा का ऐक्सेस इंडिया में बैठी टीम के पास ही होता है.
अगर आप अपना अकाउंट डिलीट कर देते हैं तो PUBG मोबाइल अगले सात से 30 दिन में आपके डेटा को डिलीट कर देता है.l