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HP Politics: डिप्टी सीएम पद नहीं मिलने से नाराज धनीराम शांडिल ने दिल्ली में डाला डेरा

पार्टी में अनदेखी को लेकर वह सोनिया के समक्ष अपनी बात रखेंगे। हालांकि, मंगलवार शाम तक उन्हें मिलने का समय नहीं मिल पाया। संसद भवन पर हुए अटैक की बरसी में सोनिया गांधी की व्यस्तता इसका कारण बताया जा रहा है।  मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की शपथ के साथ ही कांग्रेस की गुटबाजी भी खुलकर सामने आ गई है। उप मुख्यमंत्री पद न मिलने से नाराज सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं। पार्टी में अनदेखी को लेकर वह सोनिया के समक्ष अपनी बात रखेंगे। हालांकि, मंगलवार शाम तक उन्हें मिलने का समय नहीं मिल पाया। संसद भवन पर हुए अटैक की बरसी में सोनिया गांधी की व्यस्तता इसका कारण बताया जा रहा है। ऐसे में बुधवार को वह सोनिया गांधी से मिल सकते हैं और अपनी नाराजगी उनके समक्ष रखेंगे। इससे पहले सोमवार को शिमला में हुई विधायक दल की बैठक में भी शांडिल शामिल नहीं हुए थे। बताया जा रहा है कि धनीराम शांडिल एक ही संसदीय क्षेत्र हमीरपुर से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री देने से भी नाराज हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र में कर्नल धनीराम शांडिल सबसे वरिष्ठ नेता हैं। ऐसे में वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी थे, मगर उन्हें उप मुख्यमंत्री पद भी नहीं दिया गया। अब उन्हें मंत्री पद के लिए भी लॉबिंग करनी पड़ रही है।

सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं शांडिल

कर्नल धनीराम शांडिल कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। सोलन से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। इससे पहले कांग्रेस से सांसद रहे हैं। माना जाता है कि कर्नल धनीराम शांडिल सोनिया गांधी के करीबी हैं। यही कारण है कि उन्हें कांग्रेस मैनिफेस्टो कमेटी का भी अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें उम्मीद है कि सोनिया गांधी से मिलने के बाद उन्हें अहम पद मिल सकता है। बताया जा रहा है कि शांडिल ने पार्टी में भी तर्क दिया था कि अनुसूचित जाति और एक्स सर्विसमैन कोटे से 52 फीसदी वोट कांग्रेस को मिले हैं। ऐसे में शांडिल उसी के आधार पर अपने लिए पार्टी में अहम पद की मांग कर रहे हैं।