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शीत सत्र आज से, दफ्तर बंद करने, बंद सीमेंट कारखानों-चयन आयोग सस्पेंड करने पर होगा हल्ला
14वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार सुबह 11 बजे धर्मशाला के तपोवन में शुरू होगा। कैबिनेट के रूप में सदन के भीतर सिर्फ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री होंगे, जबकि सामने पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर 25 विधायकों के साथ सरकार से जवाब चाहेंगे। यह पहली बार है कि चुनाव नतीजा आने के 25 दिन बाद विधानसभा का विंटर सेशन हो रहा है और नए विधायकों की शपथ हो रही है। नए विधायकों की शपथ के साथ-साथ पहले ही विधानसभा सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नजदीकियां और दूरियां भी तय हो जाएंगी। एक तरफ मुख्यमंत्री के पास अपनी सरकार का ब्लूप्रिंट रखने का मौका होगा, दूसरी तरफ उनको यह भी बताना होगा कि उनकी कैबिनेट लेट क्यों हुई। राज्यपाल का अभिभाषण सत्र के दूसरे दिन है। इसी अभिभाषण के साथ विपक्ष के साथ तकरार की भी शुरुआत होगी।
सत्र के आखिरी दिन अभिभाषण पर चर्चा होगी और इस चर्चा में भाजपा विधायक दल निश्चित तौर पर तीन-चार मुद्दों पर सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश करेगा। विपक्ष सवाल पूछेगा कि करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी कैबिनेट विस्तार क्यों नहीं हो रहा। जयराम सरकार की आखिरी आठ महीनों में खोले गए दफ्तरों को बंद करने पर भी सदन के भीतर हल्ला होना तय है। कैबिनेट से पहले ही सरकार में हो रही कैबिनेट स्तर की नियुक्तियों को लेकर भी बात उठेगी। पेपर लीक के बाद हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को सस्पेंड करने के खिलाफ भी भाजपा गुस्सा है और आरोप लगाया जा रहा है कि हजारों भारतीयों को रोक दिया गया है। राज्य में दो बड़े सीमेंट कारखाने ठप हैं और इन को खुलवाने के लिए सरकार ने क्या किया। यह जवाब भी मांगा जाएगा। इस विवाद में पहले ही कांग्रेस के कुछ विधायक अडानी को भाजपा से जोड़ते हुए आरोप लगा चुके हैं। जाहिर है विधानसभा के भीतर भी यह मसले उठेंगे। (एचडीएम)
कब, क्या होगा
04 जनवरी – प्रोटेम स्पीकर चंद्र कुमार सभी नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे
05 जनवरी – विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और राज्यपाल का अभिभाषण
06 जनवरी – राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के बाद इसे पारित किया जाएगा
ओल्ड पेंशन पर बड़ा ऐलान कर सकते हैं सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा के पटल पर ओल्ड पेंशन को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। अब वह वित्त विभाग के साथ चर्चा पूरी कर चुके हैं और अन्य राज्यों के मॉडल को भी स्टडी कर चुके हैं। ऐसे में उनकी सरकार की पहली कैबिनेट में यह मामला पहली लिस्ट में है। क्योंकि अभी कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ है और मुख्यमंत्री चाहते हैं कि पूरी कैबिनेट यह डिसीजन कलेक्टिव तौर पर ले, इसलिए विधानसभा के फ्लोर पर वह कोई घोषणा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री पांच सेक्टर में रोजगार के लिए ओपन पॉलिसी चाहते हैं और किसानों और बागबानों के लिए भी कुछ नई योजनाएं ला रहे हैं। अगली बजट में आने वाली इन योजनाओं को लेकर अभिभाषण के जरिए भी मुख्यमंत्री नई घोषणा कर सकते हैं।