Saturday, November 23, 2024

राज्य

अदानी को चाहिए सिर्फ 800 मल्टी एक्सेल ट्रक, अल्ट्राटेक ने भी भाड़ा कम करने को दिया नोटिस

SG

शिमला

सीमेंट उद्योगों एसीसी और अंबुजा के बंद होने के बाद एक महीने से चल रहा विवाद के हल होने के बजाय और उलझने का खतरा है। एक तरफ शुक्रवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है और दूसरी तरफ अदानी की नई शर्तों ने मुश्किल में डाल दिया है। नया माल भाड़ा तय करने के लिए राज्य सरकार ने हाई कोर्ट द्वारा बनाई गई हाई पावर कमेटी को काम दिया था। ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने आगे सब-कमेटी बनाकर रेट तय करने का काम तीन विभागों के निदेशकों को दिया था। इसमें डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट, डायरेक्टर उद्योग और डायरेक्टर सिविल सप्लाई को बैठक करने को कहा था। बाद में हिमकॉन से माल भाड़े पर पूरी रिपोर्ट मांगी गई।

रिपोर्ट आने के बाद भी अभी तक रेट फाइनल नहीं हो पाया है। इसकी वजह यह है कि एसीसी और अंबुजा में मालभाड़ा 11 रुपए से ज्यादा था, जबकि हाई कोर्ट की कमेटी को दिए गए फार्मूले में यह रेट नौ रुपए तक भी नहीं पहुंच रहा था। फिर कुछ नए फैक्टर को जोड़ते हुए इसे बनाया गया था, लेकिन इससे पहले कि मामला हल होता, एसीसी और अंबुजा उद्योगों को चलाने वाली अदानी कंपनी ने कुछ नई शर्र्तंे रख दींं। राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में अदानी ने कहा है कि वह सिर्फ 800 मल्टी एक्सेल ट्रक ही यूज करना चाहता है। पुराने ट्रक राज्य के पर्यावरण को खराब कर रहे हैं ।

सीमेंट का उत्पादन कम हो रहा है, इसलिए ट्रक भी कम चाहिएं। कंपनी ने यह ऑफर भी दिया है कि यदि ऑपरेटर सहमत हों, तो वह ट्रकों को ही खरीद सकते हैं, लेकिन ज्यादा मालभाड़े पर सीमेंट प्लांट शुरू नहीं होंगे। एसीसी और अंबुजा दोनों प्लांट को यदि मिला दिया जाए तो ट्रकों की संख्या 7000 से ज्यादा है। ऐसे में ट्रक कम करने की शर्त एक और मुश्किल खड़ा करेगी। दूसरी तरफ आदित्य बिरला ग्रुप द्वारा चलाए जा रहे अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में भी यही झगड़ा पड़ गया है। इस कंपनी ने भी राज्य सरकार को पत्र भेजकर कह दिया है कि यदि मालभाड़ा कम नहीं किया गया, तो उन्हें भी अपना प्लांट बंद करना पड़ेगा। अल्ट्राटेक में अभी प्रति किलोमीटर किराया 10.48 रुपए है। एसीसी और अंबुजा के बंद होने के बाद सरकारी सीमेंट की सप्लाई अल्ट्राट्रेक से ही चल रही है। ऐसे में यदि यह तीसरा प्लांट भी बंद हो गया तो और मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

ऑपरेटर्ज के हित सुरक्षित रखेंगे

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि वह शुक्रवार दोपहर बाद सीमेंट विवाद पर एक बैठक करेंगे और ताजा स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने दोहराया कि राज्य के ऑपरेटरों का हित सुरक्षित करना राज्य सरकार का काम है और सरकार इस काम को करेगी। उद्योगों और निवेश के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जो भी कदम जरूरी होगा, वह भी उठाया जाएगा।

जल्द होगा विशाल आंदोलन

बिलासपुर में गुरुवार को पैदल मार्च निकाल हजारों ट्रक ऑपरेटरों ने एकजुट होकर निर्णायक लड़ाई लडऩे का ऐलान किया है। जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन प्रेषित कर जल्द से जल्द फैक्टरी खुलवाने की वकालत की है। साथ ही चेताया कि यदि जल्द ही रेट निर्धारण कर फैक्टरी नहीं खुलवाई गई तो एक बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा। कोई बड़ा कदम उठाने से भी परहेज नहीं किया जाएगा।

डायवर्ट कर दिया था यातायात

चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे पर जाम लगने की संभावना को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले से ही रोडमैप तैयार कर लिया था। यातायात को घागस-जुखाला मार्ग पर डायवर्ट कर लिया था। पैदल मार्च को देखते हुए पुलिस के करीब 100 जवान तैनात किए गए थे और बरमाणा की बीडीटीएस से जुड़े ट्रक ऑपरेटर तथा दाड़लाघाट अम्बुजा सीमेंट प्लांट से जुड़ी दोनों यूनियनों ने नौणी से उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर तक पैदल मार्च किया। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे से होता हुआ ट्रक ऑपरेटरों की यह रोष प्रदर्शन मार्च उपायुक्त कार्यालय पहुंचा, जहां वक्ताओं ने बारी-बारी ऑपरेटरों को संबोधित किया।

ट्रक ऑपरेटर्ज के नारों से गूंजा बिलासपुर

— बिलासपुर

अडानी ग्रुप की ओर से हिमाचल प्रदेश के दो सीमेंट प्लांट एसीसी बरमाणा व अंबुजा दाड़लाघाट की तालाबंदी के खिलाफ ट्रक आपरेटरों का संघर्ष गुरुवार को 34वें दिन में प्रवेश कर गया। दोनों यूनियन के हजारों ट्रक आपरेटर सडक़ों पर उतर गए और नौणी चौक से लेकर जिला मुख्यालय बिलासपुर तक लगभग दस किलोमीटर का पैदल मार्च निकालकर रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान अदानी ग्रुप और राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की गई। इसके बाद जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर राज्य सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया। उधर, पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को वाया जुखाला डायवर्ट कर दिया था और कानून व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिगत सुरक्षा केपुख्ता इंतजाम किए थे। खुद डीएसपी राजकुमार ने मोर्चा संभाले रखा। आपरेटरों ने सडक़ पर पूरा घेरा बनाया हुआ था, ताकि कोई भी गाड़ी न गुजर सके।

पुलिस का चप्पे-चप्पे पर पहरा था और नौणी से बिलासपुर तक लगभग दस स्पॉट पर पुलिस की टीमें तैनात रहीं। ट्रक आपरेटर नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ते रहे और अदानी ग्रुप के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला। सीमेंट फैक्टरियों पर तालाबंदी के बाद ऑपरेटरों के समक्ष रोजी का संकट बना है और बैंक लोन किश्तों की अदायगी के लिए भी समस्या बनी है। ऐसे हालात में कभी राज्य सरकार तो कभी प्रशासन और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, लेकिन अभी तक आश्वासनों के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ। बीडीटीएस के प्रधान राकेश ठाकुर ने कहा कि दोनों जिलों में एक माह से चल रहा सीमेंट प्लांट विवाद दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हिमाचल के इन दोनों सीमेंट प्लांटों के बंद होने से जहां ट्रक ऑपरेटरों से रोजगार छिन गया है। उन्होंने कहा कि फैक्टरियां दोबारा खोलने की मांग को लेकर ट्रक ऑपरेटर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब मालभाड़े के मसले को लेकर ट्रक ऑपरेटर आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं।