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- इस वर्ष ₹१.२५ लाख करोड़ कर्ज बढ़ने का अनुमान, कुल कर्ज पहुंच सकता है ₹१५ लाख करोड़ के पार
मुंबई
पूरे देश की निगाहें आज लोकसभा की ओर लगी हैं, जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करनेवाली हैं। सीतारमण के पिटारे से क्या-क्या निकलेगा यह तो दोपहर तक पता चल जाएगा, पर एक दिन पहले पेश आर्थिक सर्वे के अध्ययन से यह बात स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए कर्ज में कोई कमी नहीं आने जा रही, बल्कि देश के लिए कर्ज का मर्ज बढ़ने ही वाला है। सरकार अपने राजस्व बढ़ाने के लिए नए-नए मार्ग तलाश सकती है। इससे लोगों पर डायरेक्ट-इनडायरेक्ट टैक्स भरने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए आज पेश होनेवाले बजट में सरकार यदि खुले या छिपे रूप में टैक्स बोझ बढ़ाने का प्रयास करती है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
बता दें कि केंद्र सरकार कर्ज लेने में बिल्कुल नहीं हिचकती। एक तरफ देश में विकास का दावा किया जाता है और दूसरी तरफ सरकार के ऊपर कर्ज की रकम तेजी से बढ़ रही है। हालत यह है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में सवा लाख करोड़ रुपए और कर्ज ले सकती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि सरकार का यह विकास कर्ज भरोसे चल रहा है।
बता दें कि आज १ फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी। महामारी से उबर रही देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई बड़े एलान भी कर सकती हैं। इसमें सरकार २०२३-२४ के लिए जो कर्ज लेगी उससे सकल बाजार उधार का १५ लाख करोड़ रुपए के पार जाना तय है। विशेषज्ञों की मानें तो अगले साल में १५.५ लाख करोड़ रुपए तक की उधारी को बेहतर तरीके से एब्जॉर्ब किया जा सकता है।
एक न्यूज एजेंसी ने सरकार के भीतर अब तक हुई चर्चाओं के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है।