इजरायल : प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गौतम अडानी को सौंपा अपना बंदरगाह, : FPO भी सारा का सारा हुआ सब्स्क्राइब
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एक तरफ भारत विरोधी ताकतें गौतम अडानी पर प्रहार कर देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अडानी निरंतर भारत का मान बढ़ा रहा हैं। विरोध के बावजूद इजराइल में बंदरगाह मिलने को बड़ी उपलब्धि ही माना जाएगा। अडानी समूह ने इजराइल के हाइफा बंदरगाह (Israel’s Haifa port) का अधिग्रहण कर लिया है। इस मौके पर अधिग्रहण समारोह का भी आयोजन किया। इस समारोह में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी भी शिरकत करने पहुँचे। गौतम अडानी ने पीएम नेतन्याहू के साथ अपनी तस्वीर ट्वीटर पर साझा की और हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण पर खुशी जताई।हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट की खबरों के बीच गौतम अडानी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। पीएम नेतन्याहू ने मुलाकात के दौरान पोर्ट ऑफ हाइफा अडानी पोर्ट को हैंडओवर कर दिया। गौतम अडानी ने बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। गौतम ने ट्विटर पर लिखा, “हाइफा पोर्ट अब अडानी ग्रुप को सौंप दिया गया है।”
उन्होंने लिखा, “इस गौरवशाली दिन पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भूमध्य सागर क्षेत्र (Mediterranean region) में लॉजिस्टिक की सुविधा के लिए ‘अब्राहम अकॉर्ड’ गेम चेंजर साबित होगा। अडानी गैडोट सबकी प्रशंसा का पात्र बनने के लिए हाइफा पोर्ट की सूरत बदलने को तैयार है।”
अब्राहम अकॉर्ड भूमध्य सागर क्षेत्र के तीन देशों इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच संबंधों को सामान्य बनाने का एक संयुक्त दस्तावेज है। अमेरिकी की मदद से इसे तैयार किया गया है।
पोर्ट ऑफ हाइफा को डेवलप करने के लिए अडानी पोर्ट ने इजराइल के गैडोट ग्रुप के साथ समझौता किया है। हाइफा पोर्ट कंपनी लिमिटेड के सभी शेयरों के लिए 1.8 अरब डॉलर की बोली लगाई गई थी। समझौते के अनुसार अडानी पोर्ट की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत और गैडोट ग्रुप की 30 प्रतिशत है। इसी के साथ भारतीय कंपनी अब यूरोपीय पोर्ट सेक्टर में अपने पाँव फैलाने लगी है।
दूसरी तरफ अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Limited) की ओर से शुक्रवार (27 जनवरी 2023) को फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) जारी किया गया था। FPO के आखिरी दिन मंगलवार (31 जनवरी, 2023) को इसे पूरी तरह से सब्सक्राइब कर लिया गया है। शेयर बाजार के आँकड़ों के मुताबिक, 20 हजार करोड़ रुपए के FPO को आखिरी दिन गैर-खुदरा निवेशकों से भारी समर्थन मिला। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बावजूद अडानी पर निवेशकों ने भरोसा दिखाया उनपर नकारात्मक प्रचार का कोई असर नहीं दिखा।