20 हजार करोड़ रूपए का FPO वापस लेकर अडानी ग्रुप ने चौंकाया: निवेशकों का विश्वास जीतने का नया कदम
SG
अडानी समूह ने हाल में जारी किए अपने 20 हजार करोड़ रुपए के एफपीओ (फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर) को कैंसिल कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में मीडिया रिलीज जारी करते हुए जानकारी दी। साथ ही बताया कि वो जल्द निवेशकों के पैसे लौटा देंगे।
27 जनवरी को गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ जुटाने के लिए एफपीओ जारी किया था। बताया जा रहा है कि ये अब तक का सबसे बड़ा फॉलो ऑन ऑफर था, जिसे न केवल फुल सब्सक्रिप्शन मिला बल्कि बोली के आखिरी दिन तक यानी 31 जनवरी तो इस पर जबरदस्त रिस्पांस देखा गया।
हालाँकि 1 फरवरी को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अचानक बैठक हुई और उसके बाद ये फॉलो ऑन ऑफर रद्द कर दिया गया। अडानी ने ये फैसला बताते हुए स्पष्ट किया कि उनकी बैलेंस शीट बहुत मजबूत है। ये फैसला केवल इन्वेस्टर्स के लिए लिया गया है।
अपनी रिलीज में अडानी समूह के चेयरमैन की ओर से कहा गया कि बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने इस एफपीओ को रद्द करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने शेयर बाजार में चल रही हलचल को देख कर और निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है। वह जल्द ही एफपीओ से प्राप्त रकम को वापस करेंगे।
अडानी समूह के इस फैसले के पीछे कुछ लोग हिंडनबर्ग रिपोर्ट को वजह मान रहे हैं। लेकिन मालूम हो कि 27 जनवरी को एफपीओ जारी किया गया था जबकि रिपोर्ट 24 फरवरी को आ गई थी। इसके बावजूद एफपीओ ने पूरी रकम जुटाई जिसे 1 फरवरी की बैठक के बाद कैंसिल किया गया।
हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई आरोप लगाए थे। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग, अनऑथोराइज्ड ट्रेडिंग, वित्तीय गड़बड़ी, भारी-भरकम लोन सहित कई गंभीर आरोप थे, जो किसी कंपनी के लिए घातक बताए गए थे। बाद में अडानी समूह ने अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया था। कंपनी ने 413 पन्नों के जवाब में हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठ करार दिया था। कंपनी ने कहा था कि ये आरोप भारत और यहाँ की कंपनियों तथा देश के विकास पर सुनियोजित हमला है।
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