शिंदे-फडणवीस के चुनावी प्रचार के लिए गली-कूचों में घूमना पड़ेगा! -आदित्य ठाकरे की घोषणा

SG
मुंबई
महाराष्ट्र में चुनाव होंगे तब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गली- कूचे में घूमने पर मजबूर कर देंगे, यह ललकार लगाते हुए ‘जनता के समर्थन पर वर्ली क्या, हम महाराष्ट्र जीत कर दिखा देंगे’, ऐसा जबरदस्त आत्मविश्वास शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता व युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कल व्यक्त किया। विश्व में कहीं भी खेल हो रहा हो लेकिन दमदार खिलाड़ी को हराने के लिए बड़ी फील्डिंग लगाई जाती है। वही इस समय वर्ली में शुरू है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इन दोनों को वहां जोड़ी में सभा लेनी पड़ रही है। यही मेरी जीत है, ऐसा उल्लेख करते हुए आदित्य ठाकरे ने चौतरफा हमला किया। आप कैसी भी फील्डिंग लगा लो, चुनाव जीतकर मैं सिक्सर मारूंगा ही, ऐसा भी उन्होंने कहा।
सचिन तेंदुलकर बैटिंग के लिए जाते थे, तब कहां और कैसे फील्डिंग लगाई जाए, इसका विचार चार-पांच बॉलर करते थे। वैसी ही फील्डिंग आज ये लगा रहे हैं… आप कितनी भी, कैसी भी फील्डिंग लगाएं फिर भी मैं सिक्सर मारूंगा ही और वर्ली में मैं जीतूंगा मतलब मैं ही जीतूंगा, ये मैं आज यहीं कहता हूं।’
शिवसेना नेता व युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे के शिवसंवाद दौरे को तूफानी प्रतिसाद मिल रहा है। कल नासिक के दिंडोरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के निफाड तालुका में चांदोरी, विंचूर के साथ नांदगाव में आदित्य ठाकरे ने किसान, युवक, आम जनता व महिलाओं से संवाद साधकर उनकी समस्याएं समझी। इस दौरान बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने ‘मिंधे’ गुट और भाजपा की अच्छी तरह से खबर लेते हुए कहा कि ‘मिंधे’ सरकार के कार्यकाल में एक और उद्योग महाराष्ट्र राज्य से मध्य प्रदेश जा रहा है। इस ओर ध्यान आकर्षित कर आदित्य ठाकरे ने निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में आनेवाला सातवां उद्योग अब मध्य प्रदेश जा रहा है। इसके पहले भी छह उद्योग गुजरात व अन्य राज्यों में गए लेकिन मिंधे सरकार कुछ नहीं कर रही है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं या गुजरात के? ऐसा सवाल भी आदित्य ठाकरे ने इस दौरान उठाया। वर्तमान में मुख्यमंत्री व उप-मुख्यमंत्री में सच्चा मुख्यमंत्री कौन है, यह दोनों को समझ में नहीं आ रहा। ऐसा तंज भी आदित्य ठाकरे ने इस दौरान कसा।
महाशक्ति साथ है तो क्यों डरते हो?
नियमित ऋण देनेवाले किसानों को प्रोत्साहन अनुदान के रूप में सरकार ५०,००० रुपए नहीं दे सकी। मुंबई में अपने ही होर्डिंग्स के लिए पचास करोड़ रुपए खर्च करनेवाला यह मुख्यमंत्री किसानों को पचास रुपए नहीं दे सकता। जनता समझ चुकी है कि दिल्ली की तरफ झुकनेवाला यह मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के लिए कुछ नहीं कर सकता। जनता इनकी गंदी राजनीति से ऊब चुकी है। अब लोकतंत्र का सवाल खड़ा हो गया है। चुनाव कराओ। एक वोट भी नहीं बिकेगा। एक भी गद्दार को विधान भवन देखने नहीं देंगे, ऐसी महाराष्ट्र की मानसिकता है। वाकई में यदि महाशक्ति आपके पीछे है तो आप क्यों डर रहे हैं? चुनाव कराइए, जनता आपको दिखा देगी कि महाराष्ट्र क्या है, ऐसा दृढ़ विश्वास भी आदित्य ठाकरे ने व्यक्त किया।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि जनता के आशीर्वाद और प्रेम की वजह से मैं राज्यभर में संवाद दौरा कर रहा हूं। मुख्यमंत्री रहते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के किए गए कार्यों पर विश्वास होने के कारण सभी जगहों पर भारी प्रतिसाद मिल रहा है। ४० गद्दारों ने हमारी पीठ पर वार किया है। खुद को शक्तिशाली समझने वाले नेता छोड़कर चले गए। लेकिन निष्ठावान शिवसैनिक हैं, वहीं हैं। इसका अभिमान होता है, ऐसा उल्लेख करते हुए आदित्य ठाकरे ने ‘मिंधों’ को चुनौती दी।
मेरे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र वर्ली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक साथ आ रहे हैं। उन्हें एक साथ मेरे निर्वाचन क्षेत्र में सभा भी लेनी पड़ रही है। इसकी मुझे खुशी है। मैं समझता हूं कि मेरी विजय आज ही हो गई, ऐसा आदित्य ठाकरे ने कहा। विश्व में जहां-जहां बड़ा गेम होता है, वहां मजबूत खिलाड़ी को हराने के लिए फील्डिंग लगाई जाती है। फुटबॉल में मेसी अथवा रोनाल्डो जिस समय मैदान में उतरते हैं, तब उनके सामने पांच-दस खिलाड़ी खड़े रहते हैं और अकेले से भिड़ जाते हैं। लेकिन वे कमजोर पड़ जाते हैं। वही आज वर्ली में चल रहा है, ऐसा कहते हुए आदित्य ठाकरे ने विजय का विश्वास व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, अद्वय हिरे, पूर्व विधायक अनिल कदम, उपनेता सुनील बागुल, संपर्क प्रमुख जयंत डिंडे, जिला प्रमुख गणेश धात्रक, विधायक नरेंद्र दराडे, जिला प्रमुख कुणाल दराडे, अल्ताफ खान, राजाभाऊ देशमुख, जगन्नाथ धात्रक, नितिन अहेर, संभाजी पवार, संतोष गुप्ता, गोपाल बोडके, गोकुल गीते, दीपक शिरसाथ, सुधीर कराड, शिवा सुरेश, प्रकाश पाटील, निवृथि जगताप, नाना जुघले, संजय कस्त, भास्कर बनकर, विक्रम रंगवे, आशीष शिंदे, नीलेश पाटील, खांडू बोडके-पाटील, संदीप तुर्ले, सरपंच विनायक खरात, उत्तम गढ़ख, पप्पू शेटे, संतोष पांगवणे, प्रमोद पाटील, सुमंत कारवार, सोमनाथ पंगावने, राजेश पाटील, शंकर संगमनेरे, नंदू पवार, बालासाहेब चारोस्कर, संजय कुंडे, मुकुंद होल्कर, प्रदीप अहिरे सहित अन्य अधिकारी, शिवसैनिक मौजूद थे।