महाराष्ट्र के बजट की कहानी: ‘पंचामृत’ में मीठा कम ज्यादा पानी! … रु. १६ हजार १२२ करोड़ घाटे का बजट
SG
मुंबई
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वित्त वर्ष २०२३-२४ के लिए ५ लाख ४७ हजार ४५० करोड़ रुपए का बजट कल विधानसभा में पेश किया। ‘पिकवावे धन। ज्याची आस करी जन?’ संत तुकोबाराया की इस मराठी पंक्ति से शुरुआत करते हुए फडणवीस ने बजट के बेमौसम बारिश की शुरुआत की। लेकिन १६ हजार १२२ करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का चटका भी इस बजट के चलते राज्य को लगा है। पारंपरिक खेती-समृद्धि किसान, महिला, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, ओबीसी समेत समाज के सभी वर्गों के सर्वसमावेशक विकास…पूंजीगत निवेश से मूलभूत सुविधा विकास… रोजगार निर्माण सशक्त बनाने, सक्षम, कुशल, रोजगार पूर्ण युवा… पर्यावरण अनुकूल विकास ऐसे पंचामृत ध्येय पर इस बार का बजट आधारित होने की बातें फडणवीस ने कहीं। लेकिन राज्य के बजट की कहानी ‘पंचामृत’ में मीठा कम, ज्यादा पानी ही नजर आ रही है। एक तरह से इस बजट का मतलब फडणवीस का ‘फंसवामृत’ ही दिखाई देता है। यह बजट मृगजल दिसे साचपणा ऐसें। खोटियाचे पिसें ऊर फोडी? तुकोबाराया की यह मराठी की पंक्ति भी सटीक बैठती है।
प्यासा हिरण मृगतृष्णा के पीछे दौड़ता है, लेकिन बाद में उसे पता चलता है कि यह पानी नहीं, बल्कि एक भ्रम है। इसी तरह बजट में ‘मिंधे’ सरकार द्वारा सीना ठोंकते और शेखी बघारते हुए की गई कई घोषणाएं, महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल की हैं। ये फडणवीस का ‘फंसवामृत’ है। इस तरह का आरोप विरोधी पक्ष ने लगाया है। यहां बताते चले कि ‘फंसवामृत’ का मतलब झांसा देना है। देवेंद्र फडणवीस ने तुकाराम बिज और कई अन्य घटनाओं का हवाला देकर बजट पेश करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि इस बजट को पेश करने के लिए एक अच्छा संयोग आया है। बजट के प्रावधानों पर नजर डालें तो साफ है कि फडणवीस ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस बजट से राज्य की जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। किसान आंसू बहा रहा है।
फडणवीस ने बजट में किसानों को नुकसान से बचाने के लिए कई घोषणाएं कीं। महिलाओं और युवाओं को खुश करने की कोशिश की। लेकिन इसके चलते फडणवीस ने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि वह राज्य का छह लाख करोड़ रुपए का कर्ज वैâसे चुकाएंगे? इस वर्ष के बजट में राजस्व संग्रहण ४ लाख ४९ हजार ५२२ करोड़ तथा राजस्व व्यय ४ लाख ६५ हजार ६४५ करोड़ अनुमानित है। नतीजतन, १६ हजार १२२ करोड़ रुपए राजस्व घाटे का बजट है।
शिवराय, बाबासाहेब के स्मारक, शिवराज्याभिषेक के ३५० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होनेवाले उत्सव के लिए बजट में ३५० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पुणे के अंबेगांव में छत्रपति शिवाजी महाराज संकल्पना पार्क के लिए ५० करोड़ रुपए, मुंबई के साथ अमरावती, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर में शिवचरित्र के पार्क के लिए २५० करोड़ रुपए, शिवनेरी किले और शिवकालीन किलों के संवर्धन व संरक्षण के लिए ३०० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हालांकि, प्रधानमंत्री द्वारा भूमिपूजन किए गए अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक और इंदू मिल में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्मारक का उल्लेख तक नहीं है।
विदर्भ, मराठवाड़ा के आपदा प्रभावित किसानों का मजाक
फडणवीस ने कहा कि विदर्भ, मराठवाड़ा के १४ आपदा प्रभावित जिलों में केसरी राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न के बदले प्रति वर्ष १,८०० रुपए सीधे उनके बैंक खातों में भेजे जाएंगे। लोग मजाक उड़ा रहे हैं कि मौजूदा महंगाई के दौर में जब गैस सिलिंडर १,१०० रुपए का हो गया है तो १,८०० रुपए की टुटपूंजिया राशि क्या मायने रखती है?
सिर्फ एक रुपए में फसल बीमा
पहले की फसल बीमा योजना में किसानों को प्रीमियम का २ प्रतिशत देना होता था। उस किस्त का भुगतान अब राज्य सरकार करेगी। किसानों को सिर्फ एक रुपए में फसल बीमा मिलेगा। इसका ३,३१२ करोड़ रुपए का भार राज्य सरकार वहन करेगी। गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना के तहत दुर्घटना पीड़ित परिवारों को २ लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ३ साल में २५ लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती के तहत लाया जाएगा। इसके लिए एक हजार करोड़ रुपए का फंड दिया जाएगा। नागपुर में अंतरराष्ट्रीय कृषि सुविधा केंद्र के लिए २२८ करोड़ रुपए दिए जाएंगे। जबकि नागपुर, कटोल, कलमेश्वर, अमरावती के मोर्शी में और बुलढाणा में आधुनिक संतरा प्रसंस्करण केंद्र शुरू किया जाएगा।
पुलिस विभाग को १४ प्रतिशत कम बजट
इस वर्ष के बजट में पुलिस विभाग के लिए ८.०२ प्रतिशत अधिक प्रावधान किया गया है। इस वर्ष पुलिस विभाग के लिए २५,८३२.६१ करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछले साल के बजट में २३,९१५.५८ करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार पुलिस विभाग को २०२२-२३ में १४ प्रतिशत कम बजट (२०,५६६.३५ करोड़) दिया गया है।