बालाजी चौक पर स्थित डॉक्टर सुनील चौधरी की लापरवाही से मरीज का कटा पैर, सी एम ओ ने बनाई जांच टीम

लाखों रुपया लेने के बाद भी डॉ. सुनील चौधरी की लापरवाही से मरीज ने पैर खोया, सीएमओ ने जाँच टीम बनाई
हादसे मे घायल हुए थे पिता पुत्र, डॉ.सुनील चौधरी की घोर लापरवाही की शिकायत जिला अधिकारी से की
मुज़फ्फरनगर 1 जून प्राप्त समाचार के अनुसार बालाजी चौक पर स्थित नर्सिंग होम मे हड्डी रोग विशेषज्ञ
डॉ.सुनील चौधरी की लापरवाही से मरीज को अपनी टांग गँवानी पड़ी। पीड़ित की शिकायत पर CMO ने की जांच समिति गठित कर दी है।
बघरा ब्लॉक के जसोई निवासी आसिफ अहमद ने बताया कि विगत 16 मई को वह अपने पिता अफजाल अहमद के साथ मोटरसाइकिल नं UP 12 BK 8009 से ननौता देवबंद मार्ग पर अपने निजी कार्य से जा रहे थे,तभी पीछे से आ रही कार नंबर UK 17 X4277 के चालक ने मोरा पुलिस चोकी के निकट बाइक को पीछे से टक्कर मार दी।कार चालक बहुत लापरवाही व तेज गति के साथ कार को चला रहा था। जिससे वह आसिफ अहमद और पिता अफजाल अहमद बराबर की गहरी खाई में जाकर गिरे। जिससे उनके पिताजी अफजाल अहमद सहित मुझे काफी चोटे आई । मेरे पिताजी के बांये पैर में ज्यादा चोटे आई थी जिस कारण तत्काल मैंने अपने पिताजी को रामा कृष्णा हॉस्पिटल बालाजी चौक मुजफ्फरनगर पर भर्ती कराया। उस समय डॉक्टर सुनील चौधरी ने बताया कि उनकी टांग का तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा। जिस पर डॉक्टर सुनील चौधरी ने मेरे पिताजी के पैर का ऑपरेशन कर राॅड आदि डाल दी। अत्य आधुनिक तरीके से ऑपरेशन करने के नाम पर डॉक्टर सुनील चौधरी द्वारा मुझ से ₹5 लाख नकद लिए गये थे। इसके बावजूद डॉ. सुनील चौधरी ने लापरवाही के साथ ऑपरेशन किया जिसकी वजह से मेरे पिताजी के पैर से खून का बहाव नहीं रुका। और पर उंगली अंगूठे की तरफ से नीला पड़ने लगा। ऑपरेशन के अगले दिन सुबह ज्यादा स्थिति खराब हुई तो पैरामेडिकल स्टाफ को अवगत कराया गया जिस पर उन्होंने जांच कर न्यूरो सर्जन को बुलवाने की सलाह दी। उसके द्वारा न्यूरो सर्जन की फीस जमा कर दी गई और न्यूरो सर्जन को रामकृष्ण हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा बुलवाया गया जिनके द्वारा देखते ही कह दिया कि पैर खतरे में आ गया।बहुत सारी जांचों के बाद डाॅ. सुनील चौधरी ने स्वयं देखना भी मेरे पिता को पसंद नहीं किया। फोन पर वार्ता कर मेरे पिताजी को हायर सेंटर के लिए स्टाफ से ही रेफर लेटर लिखवा कर रेसर कर दिया ।जिनको एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया और फिर दिल्ली सफदरजंग सहित पंत जैसे उच्च स्तर के अस्पतालों में दिखाया गया। सभी के द्वारा पैर काटने की बात कही गई। जब पर ही कटवाने की बात आ गई तो मैं और मेरे परिवार ने यह सोचकर कि बाहर क्यों कटवाए अपने शहर में ही सर्जरी करवा लेते हैं। इस तरह से डॉक्टर सुनील चौधरी की लापरवाही से उनके पिताजी का बाया पैर चिकित्सकों को काटना पड़ा।जब पूरे प्रकरण की जानकारी डॉक्टर सुनील चौधरी को दी गई तो वह उल्टे मुझ पर ही नाराज होने लगे और कहने लगे कि यदि कोई कार्रवाई की तो अंजाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना ।डॉक्टर से मैंने जब अपने पिताजी की ट्रीटमेंट फाइल मांगी तो पहले तो फाइल देने को तैयार नहीं हुऐ ज्यादा खुशामद आदि करने पर कहने लगे कि ₹100 के स्टांप पर लिखकर लाइए कि मैं कोई कार्रवाई नहीं करूंगा तब आपको फाइल दी जाएगी। प्रार्थी द्वारा उक्त प्रकरण की लिखित में शिकायत सीएमओ को दी गई व जिलाधिकारी के यहां शिकायत की गई है। आरोप है की पीड़ित को अब डॉ.सुनील चौधरी से को जान व माल का खतरा बना हुआ है। फिलहाल सी एम ओ ने जाँच टीम का गठन कर दिया है। उन्होंने जांच पूरी होते ही कड़ी कार्यवाही की बात कही है।
सा. दै. सू. के.