
कांग्रेस सरकार में कृषि मंत्री चंद्र कुमार और उनके बेटे पूर्व सीपीएस नीरज भारती सोशल मीडिया पर आपस में ही भिड़ गए। मसला था उनके चुनाव क्षेत्र में कर्मचारी ट्रांसफर का विवाद, जिस पर मंत्री के इस्तीफे तक की बात सोशल मीडिया पर उड़ाई गई। अब जब कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने खुद मीडिया के सामने आकर इस्तीफे जैसी स्थिति से इनकार किया, तो बेटे नीरज भारती ने फेसबुक पोस्ट के जरिए मंत्री पिता पर ही सवाल खड़े कर दिए…
तबादलों में हस्तक्षेप होता था इस्तीफे जैसी कोई बात नहीं
शिमला — कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि उनके पुत्र नीरज भारती चुनाव क्षेत्र में कुछ ट्रांसफर एडजस्टमेंट को लेकर नाराज थे। चुनाव क्षेत्र में जब बाहर से हस्तक्षेप होता है, तो ऐसी स्थितियां आ जाती हैं। माहौल खराब होता है, लेकिन मुख्यमंत्री से बात करके समस्या का हल करने की कोशिश की गई। इसलिए इस्तीफे की कोई बात नहीं है। सीएम को और भी काम होते हैं, उनका दायित्व बड़ा है। कृषि मंत्री चंद्र कुमार शिमला में मीडिया से बात कर रहे थे। चंद्र कुमार ने कहा कि ट्रांसफर एक पंडोरा बॉक्स है और जब यह खुल जाता है तो ऐसी दिक्कतें आती हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य में खासकर स्थिति खराब है। आज हालात यह है कि एक साधारण व्यक्ति भी घर आता है, तो ट्रांसफर लेकर ही आता है।
अब कर्मचारी प्रोमोशन पर भी दूर नहीं जाना चाहते। जो एक स्टेशन पर 12 से 15 साल रह लिया, वह भी दूर जाने को तैयार नहीं होता। मंत्री ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं, जिनका ताना-बाना ट्रांसफर से ही चलता है। तबादलों को लेकर पॉलिसी कभी नहीं बनती। इससे पहले कौल सिंह की कमेटी बनी, जयराम ठाकुर की कमेटी भी बनी थी, लेकिन इस तरह की पॉलिसी को हम लोग ही डिफाइन करते हैं। चंद्र कुमार ने कहा कि मैं डॉक्टर वाईएस परमार से लेकर अब सुखविंदर सिंह सुक्खू तक की सरकारों में काम किया है, लेकिन ट्रांसफर पहले ऐसी नहीं होती थी। अब यह पैसा बन गया है।
आप अपनी कुर्सी का आनंद लीजिए, लड़ाई मैं लड़ लूंगा
शिमला, जवाली — कृषि मंत्री चंद्र कुमार के मीडिया में दिए बयान पर उनके बेटे नीरज भारती ने सोशल मीडिया पर ही प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सोशल मीडिया में मैं खुलेआम इसलिए लड़ रहा हूं कि ये कोई मेरी निजी लड़ाई नहीं है और न ही यह कोई संपत्ति की लड़ाई है। यह कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं की लड़ाई है और यह बंद कमरे में नहीं हो सकती। आज की तारीख में जो भाजपाइयों के वापसी तबादले हुए हैं, उनको रद्द नहीं किया गया, तो चाहे अकेले ही सही, खुल कर लडूंगा आपके खिलाफ भी और आपकी सरकार के खिलाफ भी, फिलहाल आप अपनी मंत्री की कुर्सी का आनंद लीजिए…। नीरज भारती ने लिखा कि ‘मंत्री साहब, हिमाचल प्रदेश में तबादले भी राजनीति का ही हिस्सा है।
जब आप विपक्ष में होते हैं और आपकी पार्टी के साथ जुड़े कर्मचारियों का जब दूरदराज तबादला कर दिया जाता है और आप उनको यही कहते हैं कि जब सरकार आएगी, तब आपको एडजस्ट करेंगे। फिर जब सरकार आ जाती है, तो अपनी जान बचाने के लिए आप जैसे नेता ऐसे ही बयान देते हैं। खास कर के कांग्रेस के। आप कहते हैं कि हम तबादलों के लिए विधायक या मंत्री नहीं बने हैं और हम तबादलों को अहमियत नहीं देते हैं…।’ कांग्रेस राज में भी भाजपाइयों के ही काम हो रहे हैं। हमारे कार्यकर्ता हताश हो गए हैं। नीरज भारती ने लिखा कि ‘मैं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा हूं तथा उनके हित में ही लड़ाई लड़ूंगा।’