
तेहरान
भारत में ईरान के उपराजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने इजरायल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए भारत से इजरायल की खुलेआम निंदा करने और उस पर प्रेशर बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और शांति समर्थक देश, जो वैश्विक दक्षिण की आवाज हैं, उन्हें इजरायल की आलोचना कर अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा कि अगर इजरायल के अक्तूबर में हमास के खिलाफ शुरू किए गए हमलों के दौरान ही वैश्विक स्तर पर निंदा की गई होती, तो वह कभी भी ईरान जैसे संप्रभु देश पर हमला करने की हिम्मत नहीं करता।
हुसैनी ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आईएईए ने खुद कहा था कि ईरान की ओर से कोई सैन्य परमाणु गतिविधि नहीं चल रही है। फिर भी उन्होंने इजरायल का पक्ष लेते हुए ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को समर्थन दिया। हुसैनी ने स्पष्ट कहा कि ईरान की रक्षा नीति में परमाणु हथियारों का कोई स्थान नहीं है और देश को अपनी सुरक्षा के लिए इनकी आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार हमारी रक्षा नीति का हिस्सा नहीं हैं। हम अपनी सुरक्षा खुद कर सकते हैं, हमें परमाणु हथियारों की जरूरत नहीं है।
हमलों के खिलाफ तेहरान में हजारों लोगों ने मार्च निकाला
ईरान की राजधानी तेहरान में जुमे की नमाज के बाद हजारों लोगों ने इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और अपने नेताओं के समर्थन में नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान ईरान के खिलाफ अमरीका की धमकियों के खिलाफ भी नारे लगाए। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में इजरायल के हमले में मारे गए कमांडरों की तस्वीरें पकड़ी हुई थीं। लोगों ने ईरान, फिलिस्तीन और हिजबुल्लाह के झंडे भी लहराए।
जंग के बीच ईरान ने फिर खोला एयरस्पेस, अपने विमानों से 1000 भारतीयों को भेजेगा दिल्ली
ईरान ने भारतीय छात्रों की निकासी के लिए अपने बंद हवाई क्षेत्र को विशेष रूप से भारत के लिए खोल दिया है। युद्ध प्रभावित ईरानी शहरों में फंसे छात्रों की आपातकालीन निकासी के लिए उठाया गया बड़ा और साहसिक कदम है। इसे भारतीय कूटनीति की जीत भी कहा जा रहा है। ऑपरेशन सिंधु के तहत कम से कम 1,000 भारतीय छात्रों के दिल्ली पहुंचेंगे। ईरान के मशहद शहर से ईरानी विमान में ही छात्र दिल्ली आएंगे। दूसरी और तीसरी उड़ान शनिवार को निर्धारित की गई है। इनमें एक विमान सुबह तो दूसरी शाम को पहुंचेगा। ईरान के स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जो भारतीय नागरिक ईरान छोडक़र जाना चाहते हैं, उनके लिए चार्टर्ड विमानों की व्यवस्था की गई है।