CM धामी ने उत्तराखंड वासियों को दी बड़ी सौगात, बोले-लोकतंत्र सेनानियों की बढ़ाई जाएगी सम्मान निधि

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था। अब इसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों और उनके स्वजन को किया सम्मानित
- कहा, लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण व हित में बनेगा कानून
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकतंत्र सेनानियों की को दी जाने वाली सम्मान निधि बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों से संबंधित प्रकरणों एवं उनकी समस्याओं के त्वरित निस्तारण को शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण व हित में मानसून सत्र में कानून लाया जाएगा। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर में संविधान हत्या दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकतंत्र सेनानियों व उनके स्वजन का स्वागत व अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था। अब इसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने आपातकाल के अंधकारमय कालखंड में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया, उन्हें सम्मानित करना अत्यंत गौरव का विषय है।
लोकतंत्र सेनानियों ने जेलों की कालकोठरियों में रहकर भी लोकतंत्र का दीपक बुझने नहीं दिया। आपातकाल संविधान की आत्मा कुचलने का प्रयास मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। 25 जून 1975 को 50 वर्ष पूर्व इसी दिन आपातकाल थोप कर संविधान की आत्मा कुचलने का प्रयास किया गया था। यह सब एक व्यक्ति की हठधर्मिता और तानाशाही रवैया का परिणाम था।
इस दौरान मीसा और डीआइआर जैसे काले कानून को थोपकर हजारों लोकतंत्र समर्थकों को जेल में ठूंस दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आपातकाल के दौरान भूमिगत रहकर लोकतंत्र की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे।
यही कारण है कि उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के योगदान ओर आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढिय़ों को अवगत कराने के लिए 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में पूर्ण संकल्पित होकर कार्य कर रही है।
इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश भर में आपातकाल के दौरान हुए आंदोलन के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रदर्शनियों को आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, लोकतंत्र सेनानी कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रेम बड़ाकोटी तथा बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी और उनके स्वजन परिजन उपस्थित थे।
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकतंत्र सेनानियों की को दी जाने वाली सम्मान निधि बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों से संबंधित प्रकरणों एवं उनकी समस्याओं के त्वरित निस्तारण को शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण व हित में मानसून सत्र में कानून लाया जाएगा। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर में संविधान हत्या दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकतंत्र सेनानियों व उनके स्वजन का स्वागत व अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था। अब इसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने आपातकाल के अंधकारमय कालखंड में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया, उन्हें सम्मानित करना अत्यंत गौरव का विषय है।
लोकतंत्र सेनानियों ने जेलों की कालकोठरियों में रहकर भी लोकतंत्र का दीपक बुझने नहीं दिया। आपातकाल संविधान की आत्मा कुचलने का प्रयास मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। 25 जून 1975 को 50 वर्ष पूर्व इसी दिन आपातकाल थोप कर संविधान की आत्मा कुचलने का प्रयास किया गया था। यह सब एक व्यक्ति की हठधर्मिता और तानाशाही रवैया का परिणाम था।
इस दौरान मीसा और डीआइआर जैसे काले कानून को थोपकर हजारों लोकतंत्र समर्थकों को जेल में ठूंस दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आपातकाल के दौरान भूमिगत रहकर लोकतंत्र की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे।
यही कारण है कि उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के योगदान ओर आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढिय़ों को अवगत कराने के लिए 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में पूर्ण संकल्पित होकर कार्य कर रही है।
इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश भर में आपातकाल के दौरान हुए आंदोलन के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रदर्शनियों को आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, लोकतंत्र सेनानी कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रेम बड़ाकोटी तथा बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी और उनके स्वजन परिजन उपस्थित थे।