
देहरादून में निजी नशा मुक्ति केंद्रों की भरमार को देखते हुए सरकार पहला सरकारी नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र खोलने जा रही है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने रायवाला में 30 बेड का केंद्र खोलने के लिए 57.04 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया है। केंद्र के संचालन के लिए अनुभवी एनजीओ का चयन किया जाएगा और सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- रायवाला में खुलेगा पहला सरकारी नशा मुक्ति केंद्र |
- जिला प्रशासन ने स्वीकृत किया 57.04 लाख का बजट |
- 30 बेड का होगा नशा मुक्ति केंद्र |
देहरादून। गली मोहल्लों में निजी नशा मुक्ति केंद्रों की बाढ़ है। यहां नियमों के पालन को लेकर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। यहां तक कि नशा मुक्ति केंद्रों में हत्या और दुष्कर्म जैसे प्रकरण भी सामने आ चुके हैं। लंबे समय से सरकार सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खोलने का प्रयास कर रही है।
स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दिशा में गंभीरता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अब जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने इसका बीड़ा अपने कंधे पर उठाते हुए प्रदेश का पहला सरकारी नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र खोलने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। तय किया गया है कि रायवाला में सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खोला जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से 57.04 लाख रुपए का बजट भी स्वीकृत कर दिया है।
शनिवार को जारी प्रेस बयान में जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि नशा मुक्ति एकत्र 30 बेड का होगा। केंद्र के संचालन के लिए जिला प्रशासन जल्द अनुभवी एनजीओ का चयन करेगा। नशा मुक्ति केंद्र के लिए जिला प्रशासन ने एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है।
वहीं, केंद्र का संचालन बेहतर ढंग से कराने के लिए जिलाधिकारी ने समाज कल्याण एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक भी ली। इसमें जिलाधिकारी ने राजकीय वृद्धाश्रम रायवाला के प्रथम तल में प्रस्तावित राजकीय नशा मुक्ति केंद्र का संचालन शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए।
रायवाला वृद्धाश्रम के प्रथम तल पर 13 कमरों के साथ बाथरूम, 01 हाल और 02 कार्यालय कक्ष उपलब्ध हैं। इसमें 30 बेड का नशा मुक्ति केंद्र आसानी से संचालित किया जा सकता है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमके शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, निदेशक सोशल वेलफेयर जगमोहन सिंह कफोला, आरडब्लूडी के अधिशासी अभियंता विनीत कुरील आदि उपस्थित थे।
नशा छुड़ाने के लिए व्यवस्थित उपचार जरूरी
जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि समाज में नशा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। नशे की लत छुड़ाने के लिए एक व्यवस्थित उपचार जरूरी है। इस बात को समझते हुए खनन न्यास निधि से 57.04 लाख रुपए तत्काल प्रभाव से स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही केंद्र का संचालन किया जाएगा।
इस तरह संचालित होगी केंद्र की व्यवस्था
नशा मुक्ति केंद्र के लिए 22 पद होंगे, जिनके 06 माह के मानदेय 22.56 लाख रुपए की व्यवस्था होगी।
- भवन अनुरक्षण, दवाइयां, विद्युत-पानी बिल, वाहन, स्टेशनरी, भोजन आदि के लिए 9.48 लाख रुपए
- नशा मुक्ति केंद्र के लिए गद्दे, फर्नीचर, वर्तन, अलमारी, कम्प्यूटर, बायोमेट्रिक मशीन आदि सामान के लिए 25 लाख रुपए शामिल है।
- नशा मुक्ति केंद्र में रजिस्ट्रेशन, ओपीडी, आइसोलेटेड रूम, स्टॉफ रूम, स्टोर रूम, वेटिंग एरिया आदि की उचित व्यवस्था की जाएगी।