देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के सम्यक विकास के दृष्टिगत छह अहम घोषणाएं की हैं। इसके तहत उन्होंने ग्राम चौकीदार व ग्राम प्रहरी के मानदेय को दो हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये करने की घोषणा की। राज्य में ग्राम चौकीदार व ग्राम प्रहरी आपदा प्रबंधन समेत विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी संख्या 5645 है। इन्हें अभी प्रतिमाह माह 2000 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के परेड मैदान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने राज्य को हासिल उपलब्धियों के साथ ही सरकार के विभिन्न निर्णयों, कदमों को रेखांकित किया। साथ ही सैनिक बहुल उत्तराखंड की जनभावनाओं को भी छुआ। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों, शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। धराली समेत अन्य क्षेत्रों में आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न वर्गों व क्षेत्रों के दृष्टिगत घोषणाएं की।

95 ब्लाक प्रतिनिधियों का मानदेय होगा 10 हजार

सैनिक कल्याण विभाग के 95 ब्लाक में तैनात प्रतिनिधियों के मानदेय में भी प्रतिमाह दो हजार रुपये की वृद्धि की मुख्यमंत्री ने घोषणा की। पूर्व सैनिकों व उनके स्वजन की समस्याओं के निराकरण में अहम भूमिका निभाने वाले सैनिक कल्याण विभाग के प्रत्येक ब्लाक में एक-एक प्रतिनिधि हैं, जिन्हें अभी तक प्रतिमाह आठ हजार रुपये का मानदेय दिया जाता है।

गंगोत्री समेत अन्य ग्लेशियर का अध्ययन कराएगी सरकार

उच्च हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियर झीलों को लेकर भी सरकार ने बेहद संवेदनशीलता दिखाई है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गंगोत्री समेत अन्य ग्लेशियर और उनके आसपास के क्षेत्रों का नियमित रूप से अध्ययन कराया जाएगा। साथ ही आपदा से पूर्व और बाद की स्थिति से निबटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को सशक्त किया जाएगा।

विद्यालयों को देंगे दो गैस सिलिंडर व चूल्हा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जिन विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत भोजन बनाने को गैस सिलिंडर व चूल्हा उपलब्ध नहीं है, वहां दो गैस सिलिंडर व एक चूल्हा उपलब्ध कराया जाएगा।

जिला स्तर पर विशेष शैक्षणिक केंद्र

राज्य में दूरस्थ और रोजगार मूलक उच्च शिक्षा के समग्र विकास और प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्येक जिले में विशेष शैक्षणिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इन केंद्रों का संचालन व समन्वय उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय करेगा।

जलापूर्ति को स्थापित होंगे 10-10 हैंडपंप

राज्य के जिन विधानसभा क्षेत्रो में नियमित व पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने में दिक्कत आ रही है, वहां 10-10 हैंडपंप स्थापित किए जाएंगे।