ग्रीन एनर्जी स्टेट की ओर बढ़ रहा हिमाचल, CM बोले, दो वर्षों में 500 MW के प्रोजेक्ट स्थापित करने का लक्ष्य

शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि ऊर्जा क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रीन एनर्जी स्टेट के रूप में स्थापित करने के लिए अगले दो वर्षों में 500 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। हिमाचल इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तीव्र गति से अग्रसर है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मार्च 2026 तक 90 प्रतिशत से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में राज्य की वार्षिक ऊर्जा खपत लगभग 13 हजार मिलियन यूनिट है। ‘ग्रीन पंचायत कार्यक्रम’ के तहत राज्य की सभी पंचायतों में 500 किलोवाट क्षमता की ग्राउंड-माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। पहले चरण में 24 ग्राम पंचायतों में 500 किलोवाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है, इनमें से 16 पंचायतों में परियोजनाओं का कार्य आरंभ हो चुका है। इस कार्यक्रम के तहत 150 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली से अर्जित 20 प्रतिशत राजस्व का उपयोग राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के अनाथ बच्चों और विधवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऊना जिला स्थित पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना ने 15 अप्रैल, 2024 को वाणिज्यिक संचालन शुरू किया। अब तक इस परियोजना से 79.03 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है तथा 22.91 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के लांगजा, हिक्किम, मुद और कोमिक जैसे दुर्गम गांवों के 148 घरों में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत सोलर ऑफ-ग्रिड सिस्टम लगाए गए हैं।
इसके अलावा ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नीति के तहत 250 किलोवाट से पांच मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं आबंटित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा खरीदा जाएगा। अब तक 547 निवेशकों को 595.97 मेगावाट की क्षमता वाली ग्राउंड-माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजनाएं आबंटित की जा चुकी हैं।
अगले साल तक अग्रणी ग्रीन स्टेट बनेगा हिमाचल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रीन हाइड्रोजन, कंप्रेस्ड बायोगैस, भू-तापीय ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए भी ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इन निरंतर और व्यापक पहलों के माध्यम से राज्य सरकार 2026 तक हिमाचल को देश के अग्रणी ग्रीन एनर्जी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।



