योगी सरकार का बड़ा फैसला, किसी योजना में हुआ घटिया निर्माण तो DM से लेकर ठेकेदार तक से होगी नुकसान की भरपाई
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यूपी में सरकारी निर्माण के दौरान घटिया क्वालिटी का काम होने पर सरकार कमिश्नर से लेकर ठेकेदार तक से नुकसान की भरपाई करने का काम करेगी। जिलों में निर्माण कार्य की क्वालिटी जांचने के लिए सरकार ने ऐसी ही एक टास्क फोर्स का गठन किया है।लखनऊ
मुरादनगर के श्मशान घाट में हुए हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक से कम मिली तो डीएम और कमिश्नर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ डीएम,कमिश्नर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।हर जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है। जिले में हो रहे सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की टास्क फोर्स औचक जांच करेगी। हर बड़े प्रॉजेक्ट की कम से कम 3 बार गुणवत्ता की औचक जांच कर उसकी रिपोर्ट तैयार की जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।सीएम ने मंगलवार को उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग गुणवत्ता मानक के दिशा निर्देश जारी करें। मानक से विपरीत गुणवत्ता मिली तो ठेकेदार, इंजीनियरों के साथ जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों को भी खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
जर्जर भवनों को ध्वस्त करें: CM
योगी ने कहा कि सभी कमिश्नर व डीएम जिलों में सरकारी भवनों की स्थिति का निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान यदि विद्यालय या अस्पताल आदि का संचालन जर्जर भवन में मिले तो तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इनका संचालन कहीं और करें। जर्जर भवन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।स्कूल-कॉलेजों की इमारतों का भी हो निरीक्षण
सरकारी और निजी क्षेत्र में संचालित सभी बेसिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यालयों व डिग्री कॉलेजों भवनों का भी गहन निरीक्षण करें। सभी सार्वजनिक भवनों का भी निरीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी कॉलोनियों के भवनों का निरीक्षण कर यह देखा जाए कि यह दुरुस्त अवस्था में हैं या नहीं।