मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चिंता ज़ाहिर की है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण देश की धीरे-धीरे पटरी पर आती अर्थव्यवस्था की रफ़्तार और धीमी हो सकती है.
इस महीने की शुरुआत में हुई बैठक के ब्यौरे के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. पैनल ने टीकाकरण अभियान को तेज़ करने को भी कहा है और यह भी दोहराया कि जब तक आर्थिक हालात बेहतर ना हो जाएं तब तक समायोजन की नीति जारी रहनी चाहिए.
पाँच से सात अप्रैल के बीच में छह सदस्यीय एमपीएस की बैठक हुई, जहाँ उन्होंने पॉलिसी रेपो रेट में कोई बदलाव ना करते हुए इसे 4% ही रखा. वहीं इस वित्तीय वर्ष के लिए 10.5% की वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया.
इस बैठक के मिनट्स गुरुवार को रिज़र्व बैंक की ओर से जारी किए गए. जहाँ आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती देश में बढ़ते कोविड-19 के मामलों को बताया.
उन्होंने कहा कि वैश्विक वृद्धि में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है लेकिन ये देशों के हिसाब से अलग-अलग है क्योंकि इससे में संक्रमण की दर, वैक्सीन को लेकर चलाए जाने वाले अभियान और आर्थिक पैकेज बड़ी भूमिका निभाते हैं.
दास ने कहा, ‘’कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण कई राज्यों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगा हुआ है. वृद्धि के लिहाज अनिश्चितता बनी हुई है. ऐसे वक़्त में मॉनेटरी पॉलिसी को सुधार के लिए मदद और बढ़ावा देते रहना चाहिए