Monday, November 25, 2024

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लाहुल से 178 लोग किए रेस्क्यू, जायजा लेने मुख्यमंत्री पहुंचे लाहुल

लाहुल से 178 लोग किए रेस्क्यू, जायजा लेने मुख्यमंत्री पहुंचे लाहुल

बादल फटने से बाढ़ प्रभावित लाहुल-स्पीति जिले में शनिवार को भी झूला पुल व रस्सी के सहारे रेस्क्यू अभियान चला। जाहलमा व शांशा में झूले की व्यवस्था कर 178 लोगों को रेस्क्यू किया। सभी लोग उदयपुर की पïट्टनघाटी से निकाले गए। कुछ पर्यटक भी झूले से गंतव्य तक पहुंचे हैं।

मनाली, दिव्य प्रभात संवाददाता। बादल फटने से बाढ़ प्रभावित लाहुल-स्पीति जिले में शनिवार को भी झूला पुल व रस्सी के सहारे रेस्क्यू अभियान चला। जाहलमा व शांशा में झूले की व्यवस्था कर 178 लोगों को रेस्क्यू किया। सभी लोग उदयपुर की पïट्टनघाटी से निकाले गए। कुछ पर्यटक भी हिम्मतकर झूले से अपने गंतव्य तक पहुंचे हैं। शुक्रवार को 73 निकाले गए थे। लापता लोगों की तलाश के लिए लाहुल-स्पीति प्रशासन अब खोजी कुत्तों की मदद लेगा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम लौट आई है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार 37 लोग जाहलमा, 14 लोग फूडा और 15 लोग शांशा में फंसे हुए हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शनिवार देर सायं सड़क से बाढग़्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने लाहुल-स्पीति पहुंच गए। उन्होंने पटन वैली में राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों से सड़क सुचारू करने व क्षतिगस्त पुलों की जगह वैकल्पिक व्यवस्था करने व राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार को अटल टनल होते हुए वाहन से लाहुल पहुंचे। वह कांगड़ा से हेलीकाप्टर में लाहुल जा रहे थे। रोहतांग दर्रे में छाई धुंध ने उनकी राह रोक ली। उन्हें रोहतांग से लौटना पड़ा और मनाली के सासे हेलीपैड में उतरना पड़ा। सासे हेलीपैड में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा लाहुल घाटी में फंसे पर्यटकों को हेलीकाप्टर से एयरलिफ्ट करना था, लेकिन मौसम आड़े आ रहा है। उन्होंने स्वयं हेलीकाप्टर में दो बार लाहुल जाने का प्रयास किया, लेकिन रोहतांग से लौटना पड़ा। मृतकों के स्वजन को सरकार हरसंभव सहायता देगी।-मनाली-चंडीगढ़ हाईवे पर शुक्रवार देररात सात मील में दरका पहाड़, तीन वाहन मलबे की चपेट में आ गए। 14 घंटे बाद यातायात बहाल

 

-शिमला के रुलदूभट्ठा में ढारा गिरने से नौ साल की बच्ची घायल।

 

-मंडी शहर की टारना पहाड़ी दरकी, 25 परिवार खतरे की जद में।

 

-चंबा-भरमौर एनएच धरवाला के निकट भूस्खलन से पौने दो घंटे बंद रहा।

 

-पांवटा-हाटकोटी एनएच पर हो रहा भूस्खलनप्रदेश में जुलाई में 2005 के बाद सबसे अधिक बारिश हुई।

 

-378 सड़कें बंद, 107 पेयजल योजनाएं प्रभावित।