Employment Exchange: अब सीनीयर सिटीजन को रिटायरमेंट के बाद भी मिलगी नौकरी, जानिए कैसे उठा सकेंगे लाभ
नई दिल्ली। Employment Exchange. आमतौर पर लोग 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बाद रिटायरमेंट लेकर घर बैठकर आराम करने लगते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो रिटायरमेंट की उम्र में किसी वजह से काम करना चाहते हैं। पहले काम की इच्छा रखने वाले इन लोगों के पास विकल्प काफी सीमित होते थे, लेकिन अब सरकार के एक कदम से ऐसे लोगों के लिए तमाम अवसर पैदा हो जाएंगे।सरकार लॉन्च कर रही एक पोर्टलदरअसल, केंद्र सरकार एक यूनिक एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज को लांच करने जा रही है। इस एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज का नाम SACRED (सीनियर एबल सिटीजन्स फॉर री-एम्प्लॉयमेंट इन डिगनिटी) रखा गया है। SACRED को एक वेब पोर्टल के रूप में 1 अक्टूबर को लांच किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने सीनियर सिटीजन ने एक हेल्पलाइन की शुरूआत भी की है। इससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई सुनहरे अवसर पैदा होंगे।रोजगार की गारंटी नहीं दे रहा मंत्रालयमिली जानकारी के मुताबिक यह वेब पोर्टल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन होगा। यहां वरिष्ठ नागरिक खुद का रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहां वरिष्ठ नागरिकों को अपना एजूकेशन, अनुभव, स्किल और रुचियों का बारे में जानकारी देनी होगी। हालांकि मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया कि वो किसी को भी रोजगार की कोई गारंटी नहीं दे रहा है।देशव्यापी टोल फ्री हेल्पलाइन 14567मंत्रालय ने बताया कि यह पोर्टल नियोक्ता और उपयोगकर्ता के बीच में एक ब्रिज का काम करेगा। यह नियोक्ता और कंपनियों पर तय करेगा कि वो किस शख्स को उसकी योग्यता को देखते हुए अपने यहां नौकरी पर रखता है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा को देखते हुए देशव्यापी टोल फ्री हेल्पलाइन 14567 शुरू की है, जिसे एल्डर लाइन नाम दिया गया है। यहां वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन, कानूनी सहायता, भावनात्मक सपोर्ट और उत्पीड़न से बचाव के लिए सहयोग साथ ही बेघर होने पर अतिरिक्त मदद प्रदान की जाती है।आबादी का बड़ा हिस्सा वरिष्ठ नागरिकगौरतलब है कि औसत जीवन प्रत्याशा यानी जीने की उम्र में बढ़ोतरी होने की वजह से देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या काफी बढ़ रही है, ऐसे में इस तरह का एक्सचेंज काफी कारगर साबित हो सकता है। एक अनुमान के अनुसार साल 2001 के 7.6 करोड़ के मुकाबले साल 2011 में सीनियर सिटीजन की संख्या बढ़कर 10.4 करोड़ हो गई है। साल 2050 तक देश में वरिष्ठ नागरिकों का जनसंख्या में अनुपात बढ़कर 20 फीसदी तक हो जाने का अनुमान है।