देश में जब भी चुनाव आते हैं, मतदाता को पागल बनाने का धंधा भी शुरू हो जाता है। स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में कांग्रेस द्वारा स्वतंत्र भारत में दूध की नदियां बहाने का प्रलोभन दिया जाता था, ब्रिटिश युग में एक पैसे सेर बिकने वाला दूध आज 60 रूपए लीटर बिक रहा है। सेर लीटर/किलो से अधिक होता है। अधिकतर शहरों से गौशाला ख़त्म कर दी गयीं हैं। 15/18 रूपए तोला बिकने वाला सोना आज किस भाव है, सभी परिचित हैं। इंदिरा गाँधी ने सत्ता से हाथ से निकलती देख “गरीबी हटाओ” का नारा दिया था, सत्ता तो मिल गयी, लेकिन गरीबी दूर नहीं हुई और न ही बेरोजगारी।
सत्ता से बाहर रहने पर कांग्रेस बौखला गई है। सत्ता में वापसी के लिए पार्टी तरह-तरह के जतन करने की कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस लुभावने वादे कर रही है। पार्टी कभी 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने का वादा करती है, तो कभी फ्री का चुनावी लॉलीपॉप थमाने की कोशिश करती है। ताजा मामले में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की बेटियों को फ्री स्कूटर और स्मार्ट फोन देने का वादा किया, लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि लोगों ने कांग्रेस के इस चुनावी वादे पर सोशल मीडिया पर वाट लगा दी। लोग कांग्रेस को निशाना बना रहे हैं। यूजर्स पूछ रहे हैं कि क्या यह वादा भी किसानों की लोन माफी की तरह ही पूरा किया जाएगा जो अभी तक नहीं हो पाया है।
उत्तर प्रदेश में खिसक चुकी सियासी जमीन को फिर से हासिल करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनावी वादों का पिटारा खोल दिया है। सत्ता में आने की बेसब्री और ललक की वजह से लोक लुभावन वादों की झड़ी लगा दी है। कभी 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने का वादा करती है, तो कभी फ्री स्कूटर, स्मार्ट फोन देने और 10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज का वादा करती है। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में ये प्रतिज्ञाएं लागू हैं? क्या इन राज्यों में बेटियों को स्कूटी और स्मार्ट फोन दिए गए हैं ? क्या ये वादे भी राजस्थान के किसानों की कर्जमाफी की तरह है, जो अभी तक पूरा नहीं हो पायी है?
इसी तरह कांग्रेस शासित राज्यों में चुनाव से पहले कई वादे किए गए, लेकिन वो आज तक पूरे नहीं हो पाये हैं। जनता अब खुद को छला हुआ महसूस कर रही है। 6 महीने पहले कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिनमें कांग्रेस के टिकट बंटवारे और उसमें महिलाओं की हिस्सेदारी की पोल चुनाव के आंकड़े खोल रहे हैं। कम भागीदारी की वजह से कई राज्यों में कांग्रेस की महिला नेताओं ने विरोध दर्ज कराया था। केरल महिला कांग्रेस की प्रमुख रहीं लतिका सुभाष ने पद से इस्तीफा दे दिया था। टिकट नहीं मिलने के चलते उन्होंने राजधानी तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस कार्यालय के सामने अपना सिर मुंडवा लिया था। दरअसल कांग्रेस सत्ता में आने के लिए चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन सत्ता मिलते ही उन वादों को भूल जाती है।
जानिए कांग्रेस ने कैसे दिया जनता को धोखा
- राजस्थान में 10 दिन में कर्जमाफी का वादा किया, लेकिन 1,20,979 करोड़ रुपये में से सिर्फ 8,676 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया।
- राजस्थान में बैंकों ने कर्जमाफी के इंतजार में बैठे किसानों से वसूली में सख्ती दिखाना और जमीनें कुर्क करना शुरू कर दिया है।
- राजस्थान में 3,500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया, लेकिन 2021 तक 15 लाख बेरोजगारों में से 2.5 लाख को ही भत्ता दिया।
- पंजाब में किसानों पर कुल 77,753.12 करोड़ रुपये कर्ज थे, लेकिन अब तक मात्र 4,624 करोड़ रुपये ही माफ किए गए हैं।
- छत्तीसगढ़ में बेटियों को स्मार्ट फोन देने के लिए बीजेपी ने स्काई योजना बनाई थी, जिसे कांग्रेस ने बंद कर लाखों स्मार्टफोन कबाड़ में फेंक दिए।
- 6 महीने पहले बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 10% से भी कम महिलाओं को टिकट दिया था।
- 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी बीपीएल परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का वादा किया था, जो पूरा नहीं कर पायी।
- 2009 के लोकसभा चुनाव में तीन सालों के अंदर सभी बीपीएल परिवारों को स्वास्थ्य बीमा देने का वादा किया, लेकिन पूरा नहीं कर पायी।
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