कौन बनेगा पाकिस्तान का नया पीएम, इमरान के खिलाफ क्या है विपक्ष का प्लान-बी और प्लान-सी?
नई दिल्ली/इस्लामाबाद । पाकिस्तान में सियासी घमासान चरम पर पहुंच गया है। इमरान सरकार ने इस सियासी घमासान की गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में डाल दिया है। उधर, विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ जमकर मोर्चा खोल दिया है। इसके लिए बड़ी रणनीति बनाई है। लोगों की नजरें सेना पर भी टिकी है। सेना अभी अपने पत्त्ते नहीं खोल रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प है कि पाकिस्तान का सियासी संघर्ष किस ओर जाता है। क्या इमरान खान अपनी सरकार बचाने में सफल हो पाएंगे। क्या पाकिस्तान में इमरान की कुर्सी बचेगी? क्या इमरान की पार्टी सत्ता में रहेगी या पार्टी सत्ता बचाने के लिए पीएम पद के लिए किसी नए चेहरे को सामने लाएगी? आखिर क्या है विपक्ष की रणनीति? क्या है विपक्ष का बी और सी प्लान? विपक्ष के इस प्लान पर पाकिस्तान के आम नागरिकों की नजर टिकी है। आइए जानते हैं इन सब मामलों में विशेषज्ञों की क्या राय है।
इमरान के खिलाफ विपक्ष ने बनाई रणनीति
1- पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है। पाकिस्तान की सियासत में सरकार के खिलाफ इस तरह की विपक्षी एकता कम देखने को मिली है। इस बार विपक्ष ने अपने मतभेदों को भुलाकर इमरान को हटाने के लिए एकजुट हो गया है। इसके लिए विपक्ष ने प्लान बी और प्लान सी योजना तैयार की है। विपक्ष की रणनीति ऐसे चक्रव्युह की तरह है उससे पार पाना इमरान खान के लिए असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर है।
2- संयुक्त विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने अविश्वास प्रस्ताव गिरने की स्थिति में इमरान खान के खिलाफ वैकल्पिक रणनीति बनाई है। विपक्ष इस जुगत में लगा है कि अगर मान लो सदन में अविश्वास प्रस्ताव से इमरान सरकार बच भी जाए तो उसे विश्वास मत के जरिए घेरने की कोशिश होगी। विपक्ष का प्रयास है किसी भी हाल में सदन में बहुमत साबित करने के लिए संवैधानिक दबाव बनाया जाए। विपक्ष सदन में इमरान सरकार को किसी भी हाल में विश्वास मत के लिए बाध्य करेगी। इस प्रक्रिया में विपक्ष इमरान खान की पार्टी में फूट डालने की कोशिश कर सकता है। यह विपक्ष का इमरान सरकार के खिलाफ प्लान बी योजना है।
3- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि विपक्ष का यह दांव इमरान पर भारी पड़ सकता है। अपनी इस योजना के तहत विपक्ष विश्वास मत हासिल करने के लिए पीएम पद के लिए इमरान की पार्टी में फूट डालने की कोशिश करें। ऐसी स्थिति में इमरान खान को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है और पार्टी किसी व्यक्ति को प्राधानमंत्री पद पर बैठा सकती है। उन्होंने कहा विपक्ष के विश्वास मत के दबाव में इमरान देश में आम चुनाव करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी देश की माली हालात अच्छे नहीं है, ऐसे में पाकिस्तान में चुनाव कराना एक कठिन निर्णय होगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
4- प्रो पंत का कहना है कि इमरान खान के पास सदन में बहुमत का समर्थन नहीं है। उन्होंने कहा कि इमरान के पास शुरुआत में 179 सांसदों का समर्थन था। उनको बहुमत साबित करने के लिए 172 सांसद चाहिए। हाल में करीब 29 सांसद इमरान सरकार के खिलाफ हो चुके हैं। इसलिए इमरान स्पीकर वोटिंग टालना चाहते हैं। उधर, एकजुट विपक्ष इमरान को वैसे ही घेरेगा जो पैंतरा उन्होंने नवाज शरीफ सरकार को गिराने में इस्तेमाल किया था।
5- उन्होंने कहा विपक्ष कई मुद्दो को लेकर इमरान सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। विपक्ष का कहना है कि महंगाई दर 11 फीसद बढ़ी है। दो वर्ष पूर्व चार से छह फीसद के बीच थी। इस तरह विदेशी कर्ज 110 अरब डालर हो चुका है। इमरान सरकार आतंकवाद पर काबू पाने में नाकाम रही है। पाकिस्तान अब भी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल है।
नेशनल असेंबली मौजूदा सियासी गणित
गौरतलब है कि 8 मार्च को विपक्षी दलों के 100 से ज्यादा सांसदों ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। स्पीकर ने इस पर मतदान के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली का विशेष सत्र बुलाया है। इमरान को 342 सदस्यीय सदन में बहुमत साबित करने के लिए 172 मतों की जरूरत होगी। सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करने वाली पीटीआइ के नेशनल असेंबली में 155 व अन्य छह दलों के 23 सदस्य हैं। निचले सदन में विपक्षी दलों के संयुक्त रूप से 163 सांसद हैं और उन्हें उम्मीद है कि पीटीआइ के बागी 25 सांसद उनका साथ दे सकते हैं।