ज़हर उगल कर माफ़ी मांगने वाले मौलानाओं की वजह से कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार नहीं बल्कि देश में साम्प्रदायिक दंगे होते हैं। और जब कोई कपिल मिश्रा या अनुराग बोलता है, इनके समर्थक victim card खेलते हुए सारा दोष कपिल और अनुराग पर डाल मज़लूम, गरीब और नादान साबित करने की कोशिश करते हैं। सरकार को ऐसे मौलानाओं पर माफ़ी मांगने के बावजूद सख्त कार्यवाही करनी चाहिए, क्योकि माफ़ी से पहले ज़हर तो फैला चुके होते हैं।
जम्मू कश्मीर के राजौरी के एक मौलवी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह खुदा की कसम खाते हुए हिंदुओं के मिट जाने का ऐलान करता है। मौलवी फारूक कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files)’ नाम की फिल्म को बैन करने की माँग करता है। इस वीडियो के वायरल होने और उसके खिलाफ कार्रवाई की माँग होने पर उसने प्रतिक्रिया है। मौलवी का कहना है कि वह किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकार के खिलाफ बोला है।
कानूनी कार्रवाई को देखते हुए एक अन्य वीडियो में सफाई देते हुए मौलवी फारूक ने कहा, “आज से दो रोज पहले जुमे की खुतबे (धार्मिक भाषण) में ये कश्मीर फाइल्स के नाम से एक मूवी बनाई गई है, जिसमें हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों के ऊपर जुल्म दिखाया गया है, उस सिलसिले में हमने मौजूदा हुकूमत से एक मुतालबा (अनुरोध) किया था कि इस तरह की फिल्में समाज में इंतसार का सबब होती हैं।”
उन्होंने कहा, “उसमें (खुतबे में) हमने मौजूदा हुकूमत से मुतालबा किया था कि वो ऐसी ‘फिलम’ पर पाबंदी लगाए। हमारा न किसी मजहब को, ना किसी तबके को टारगेट करना है, बल्कि मैं तो ये कहता हूँ कि कश्मीरी पंडित हमारे जम्मू-कश्मीर की शान हैं, आन हैं, बान हैं और उनके बगैर जम्मू-कश्मीर अधूरा है। मेरे बयान को शायद किसी के समझने में, क्योंकि मेरी तकरीर में किसी जात से कोई मतलब नहीं है। मेरा हुकूमत से इस बात का मुतालबा था।”
मौलवी कश्मीरी पंडितों को भाई बताते हुए माफी के दौरान भी फिल्म को एकतरफा करार दिया और कहा, “इसमें एक रूख दिखाया गया है। कश्मीरी पंडित हमारी भाई हैं, इसलिए उनके खिलाफ वाली कोई बात नहीं है।”
उन्होंने कहा कि अगर उनका जुमला कि किसी के समझ में ना आया हो तो वे एक ‘वसी उल कल्बी’ (बड़े दिल का) आदमी हैं, इसलिए माफी माँग रहे हैं। मौलवी कहा कि वे अमन का ही पैगाम देते हैं। उन्होंने किसी मजहब या जाति के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकार से सवाल किया था।