
कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन का सबसे अधिक प्रभाव भारत के उन मजदूरों या उन लोगों पर पड़ा है जिनका काम रोजाना कमाना और खाना होता है। लॉकडाउन के बीच पैदल ही भूखे-प्यासे अपने घरों की तरफ जाने को मजबूर इन लोगों की देशभर से सामने आने वाली तस्वीरें इसकी जीती जागती सच्चाई को उजागर करने के लिए काफी हैं। सरकार ने इन लोगों के लिए आर्थिक सुविधा के अलावा कुछ अन्य योजनाएं भी शुरू की हैं। जानकार मानते हैं कि ये मजदूर किसी भी अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव होते हैं जिनकी बदौलत अर्थव्यवस्था का पहिया घूमता है।
जानकार ये भी मानते हैं कि लॉकडाउन के खत्म होने और महामारी के थमने के बाद काफी कुछ चीजें बदल जाएंगी और सरकारों को कुछ नई नीतियां इन लोगों के लिए बनानी होगी। वे ये भी मानते हैं कि इस महामारी का जहां एक नकारात्मक पहलू हमारे सामने है तो वहीं भविष्य में इसके कुछ सकारात्मक पहलू भी हमारे सामने जरूर आएंगे। इन जानकारों की राय में इसके लिए कुछ खास कदम उठाए जाने जरूरी हैं।



