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दुनिया भर के निवेशकों के लिए यूपी में खुलेगा रियायतों का पिटारा, बदलेंगी सभी औद्योगिक नीतियां

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए आकर्षण का नया ‘रेड कारपेट’ योगी सरकार बिछाने जा रही है। दुनिया भर के निवेशक उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित हों, इसके लिए सरकार रियायतों का बड़ा पिटारा खोलने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के लगभग सभी औद्योगिक नीतियों में संशोधन कर महत्वपूर्ण बदलाव करने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार जनवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें दस लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाया जा सके।
विश्वस्तरीय आयोजन के लिए रूपरेखा बनाकर काम शुरू कर दिया गया है। इस आयोजन के लिए सिंगापुर ने फर्स्ट कंट्री पार्टनर बनने का प्रस्ताव यूपी सरकार को सौंपा है। अब प्रयास यह है कि अधिक से अधिक देशों के उद्यमी यहां निवेश निवेश के लिए आकर्षित हों।
इसके लिए विश्व के लगभग एक दर्जन देशों सहित भारत के प्रमुख शहरों में रोड शो की योजना बनाई है। मंत्रियों और अधिकारियों के समूह बनाए जा रहे हैं, जो विभिन्न देशों और शहरों में जाकर उत्तर प्रदेश में मजबूत हुए औद्योगिक माहौल की ब्रांडिंग करेंगे।
वह बताएंगे कि निवेश के लिए यूपी कैसे अन्य जगह से बेहतर साबित हो सकता है। सरकार यह लगातार प्रचारित करती रही है कि 2017 के बाद से औद्योगिक नीतियों में कई बदलाव किए गए। निवेश मित्र पोर्टल बनाकर उद्यमियों को सिंगल विंडो सिस्टम दिया गया।
उसी का परिणाम है कि ईज आफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 14वें से बढ़कर सीधे दूसरे स्थान पर पहुंच गया। अब चूंकि लक्ष्य दस लाख करोड़ रुपये का है, इसलिए सरकार ने इसके लिए नए सिरे से रणनीति तय की है।

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