सऊदी अरब के स्कूलों में खेल पाठ्यक्रमों के अंतर्गत योग सिखाने की सभी आवश्यकताएं पूरी कर ली गई हैं। सऊदी योग कमेटी की अध्यक्ष नाउफ अल-मारवाई का कहना है कि साल 2017 में ही सऊदी अरब वाणिज्य मंत्रालय ने योग कोर्स शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी थी
योग का परचम दुनिया भर में लहरा रहा है। भारत की इस प्राचीन ज्ञान संपदा का अब दुनिया भर में प्रसार—प्रचार हो चुका है। जैसा कि सब जानते हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित करने के साथ ही अमेरिका सहित दुनिया के अनेक देशों में योग दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर देश-विदेश में बड़े-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
अब मुस्लिम देश भी इसे अपनाने से पीछे नहीं हट रहे हैं और उनमें भी सऊदी अरब ने अपने में एक मिसाल कायम की है। इसके पीछे सबसे पहला नाम आता है वहां की पहली महिला योग प्रशिक्षक नाउफ अल-मारवाई का, जो सऊदी योग कमेटी की अध्यक्ष भी हैं।
मारवाई के ही प्रयासों से अब सऊदी अरब के तमाम स्कूली बच्चे स्कूल में ही योग कक्षाएं ले सकेंगे। इसके लिए सिलेबस तैयार है और सरकारी तैयारी भी। इसमें संदेह नहीं है कि पूरे विश्व में योग को स्वास्थ्य लाभ का सर्वोत्तम माध्यम माना जा रहा है और इसकी स्वीकार्यता दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में सऊदी अरब के स्कूलों में खेल पाठ्यक्रमों के अंतर्गत योग सिखाने की सभी आवश्यकताएं पूरी कर ली गई हैं। सऊदी योग कमेटी की अध्यक्ष नाउफ अल-मारवाई का कहना है कि साल 2017 में ही सऊदी अरब वाणिज्य मंत्रालय ने योग कोर्स शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी थी।
यह नया सिलेबस सऊदी अरब के शिक्षा मंत्रालय की सहायता से शुरू होने वाला है। नाउफ बताती हैं कि इस कोर्स से न सिर्फ बच्चों को स्वास्थ्य लाभ होगा बल्कि उनका सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित हो सकेगा। इस सिलसिले में हाल ही में सऊदी स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन ने योग के लाभ विषय पर एक बैठक भी आयोजित की थी।
उस बैठक में विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्यों सहित योग प्रशिक्षकों, योगाचार्यों और योग को समर्पित लोगों ने भाग लिया था। इधर अरब न्यूज ने इस बारे में एक खबर दी है कि सभी स्तरों के स्कूलों के प्रशासनिक व शैक्षिक अधिकारियों ने बैठक में इस बारे में अपनी राय रखी थी। योग प्रशिक्षक तथा सऊदी अरब में आनंद योग स्टूडियो के संस्थापक खालिद जमा अल जहरानी का कहना है कि स्कूलों में हमेशा इस बात पर गौर किया जाता है कि बच्चों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित हो।